म्हारा हरियाणा भी बन गया ओलिम्पिक प्रदेश

जब हम राष्ट्र की बात करते हैं और अन्तर्राष्ट्रीय मुकाबलों में भारत उतरता है

Update: 2021-08-08 00:55 GMT

किरण चोपड़ा| जब हम राष्ट्र की बात करते हैं और अन्तर्राष्ट्रीय मुकाबलों में भारत उतरता है तो फिर तिरंगे की आन-बान-शान के लिए खिलाड़ी जूझ पड़ते हैं। लेकिन भारत माता का लाल नीरज चोपड़ा टोक्यो से जिस तरह से ​इतिहास रचने के बाद स्वर्ण पदक जीत कर लाया है, उससे पूरे देश में आज जश्न का माहौल है, परन्तु यह भी एक गौरव की बात है कि नीरज चोपड़ा हरियाणा के पानीपत का है। वह हरियाणा का छोरा है और श्री अश्विनी जी के निर्वाचन क्षेत्र से है। नीरज चोपड़ा की उपलब्धि पर सारे देश को नाज है। आज अश्विनी जी होते तो बहुत खुश होते। उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र के बच्चे-बच्चे से प्यार था। यह हरियाणा का ही नहीं सारे भारत का मैडल है। जब टोक्यो में भारत के राष्ट्र गान की धुन बजी तो इतनी खुशी-गर्व महसूस हुआ, मैंने झट से ट्विट किया और चारों तरफ से बधाइयां मिल रही थीं। खासकर खडाला ​गांव के निवासी पानीपत-करनाल के निवासियों के फोन ही नहीं बंद हो रहे हैं।

इसमें कोई शक नहीं कि भारतीय खिलाड़ी किसी से कम नहीं हैं। यह बात कहने की नहीं बल्कि यकीन करने की है और दुनिया अगर प्रमाण मांगती है तो टोक्यो ओलिम्पिक को देख लीजिए और पूरे देश के कुल 120 खिलाड़ी जो टोक्यो ओलिम्पिक में उतरे में अकेले हरियाणा से ही 34 हैं। अब बात करते हैं देश की आन-बान-शान की जिसे हमारे खिलाड़ियों ने किस प्रकार बनाया है। भारोत्तोलक मीरा बाई चानू ने सिल्वर जीता है जबकि बॉक्सर लवलीना सिंह और पी.वी. सिंधू का बैडमिंटन में कांस्य पदक है इनके अलावा देश के लाल रवि दहिया ने सिल्वर मेडल जीता है।
वह होनहार है और हरियाणा के सोनीपत गांव के नाहरी के अखाड़े में जोर अजमाईश करता था। इसी तरह सोनीपत के ही बजरंग पुनिया ने कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। अब हरियाणा की असली बात पर अाते हैं कि हरियाणा के कुल तीस खिलाडिय़ों में से 18 तो लड़कियां हैं और अकेले महिला हॉकी में देश की पूरी टीम में 9 तो हरियाणा की ही हैं। अंदाजा लगाईये कि इतने बड़े प्रतिनिधित्व के लिए अगर हरियाणा की भागीदारी को देखें तो फिर यह कहा जाना चाहिए कि हरियाणा अब ओलिम्पिक प्रदेश बन गया है। कुल मिलाकर देश की बेटियां हो या बेटे हो जान तो सबने लड़ाई लेकिन बहुत ही साधारण घरों से उठी हरियाणा की बेटियों ने हॉकी में सेमीफाइनल मुकाबले पर पहुंचकर भारत का नाम रोशन किया। ओलिम्पिक के लिए क्वालीफाई करना ही बहुत बड़ी बात है और हमारी बेटियां कांस्य पदक की लड़ाई में ब्रिटेन से हार गई। बड़ी बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने लड़कियों के हॉकी मैच को पूरा देखा और जब परिणाम निकला तो उन्होंने टीम की कप्तान रानी से फोन पर बात की और उन्हें हौंसला दिया। पीएम ने देश की बेटी से कहा कि यह हार जीत से बढ़कर है। तुम्हारा प्रदर्शन हर पदक से बढ़कर है, तुमने अनुशासन भरा और जुझारू खेल दिखाया। भविष्य में इसे कायम रखना। कुल मिलाकर आज समय आ गया है कि अब हम ओलिम्पिक प्रदेश के नाम से भी जान सकते हैं। कहा जाता है कि
देसां में देस हरियाणा
जित दूध, दही का खाना
अब इस पंक्ति में हम हरियाणा को कह सकते हैं कि वो हरियाणा जहां से बेटियां और बेटे खेल में उतरते हैं तो ओलिम्पिक में पहुंचते हैं। मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने खिलाड़ियों को मौका दिया है। रोहतक हो या सोनीपत या फिर भिवानी कहीं से मुक्केबाज निकल रहे हैं तो कहीं हॉकी की लड़कियां उभर रही हैं तो कहीं से एथलीट उभर रहे हैं। बड़ी बात यह है कि पूजा रानी जैसी बॉक्सर हरियाणा से है। कुश्ती में अंशु, सीमा, सोनम और विनेश फोगाट के अलावा सीमा पुनिया एथलीट है। पुरुष एथलीट में नीरज चोपड़ा जिसने भाला फेंक में नाम कमाया वह भी हरियाणा से ही है। सबसे ज्यादा चर्चा हरियाणा की हॉकी की लड़कियों को लेकर है कि एक ही प्रदेश से देश का प्रतिनिधित्व करने वाली नौ लड़कियां हरियाणा की हैं इनमें कप्तान रानी, निशा, मोनिका, नवनीत कौर, नवजौत कौर, उदिता, शर्मिला, सविता और नेहा शामिल हैं। भारत को ओलिम्पिक की दुनिया में आठ गोल्ड मेडल जीतने का अगर गौरव प्राप्त है तो लड़कियों का हॉकी में कहीं नामो निशान नहीं था वो केवल एशियाड तक सीमित थी लेकिन इस बार रानी के नेतृत्व में जिस तरह इन लड़कियों ने पूरी दुनिया में एक मिशाल कायम की है वह अपने आप में उन बेटियों के लिए प्रेरणा है जो खेल को करियर बनाना चाहती हैं।
मोदी और खट्टर सरकार ने खिलाड़ियों पर अगर आज पैसों की बरसात की है तो देशवासी अपना प्यार लुटा रहे हैं। सवाल स्वर्ण, रजत या कांस्य पदक का नहीं है सवाल उनके दमदार प्रदर्शन का है जो हर खिलाड़ी ने दिखाया। मैं हरियाणा का उल्लेख मूल रूप से इसलिए कर रही हूं कि दिल्ली के पड़ोस में यह हरियाणा अश्विनी जी की कर्मभूमि रहा है। जहां अश्विनी जी ने मुझे भी समर्पित रहने का वायदा किया। जहां समय पर मैं बहुत से सामाजिक कार्य करूंगी, क्यों​कि हरियाणा का यूथ, महिलाएं और समाज को योगदान देने वाले लोग मेरे साथ दिल से जुड़े हुए हैं और जितना मैं हरियाणा के लोगों को समझी हूं यह बहुत ही भारतीय संस्कृति, सभ्यता से जुड़े हुए कर्मठ, मेहनती, दिल के साफ लोग हैं। यह बंजर जमीन को भी उपजाऊ बना सकते हैं।
अब इसी हरियाणा से जब बेटियां अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उभर रही हैं तो फिर गर्व तो होता ही है। आओ हरियाणा को ओलिम्पिक प्रदेश मानकर इसके खिला​ड़ियों जो देश की आन-बान-शान हैं और बेटियों का सम्मान करें जिन्होंने देश का नाम दुनिया के नक्शे पर रोशन किया।


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