जैसी हकीकत, वैसी धारणा
यह तो कोई नई जानकारी नहीं है कि नरेंद्र मोदी सरकार का ध्यान हकीकत पर नहीं,
जनता से रिश्ता वेबडेसक | यह तो कोई नई जानकारी नहीं है कि नरेंद्र मोदी सरकार का ध्यान हकीकत पर नहीं, बल्कि लोगों की धारणा पर होता है। आरंभ से ही उसने सुर्खियों के मैनेजमेंट पर ध्यान दिया। इसलिए अर्थव्यवस्था से लेकर सामाजिक माहौल तक बिगड़ते गए, लेकिन सरकार अपने मीडिया तंत्र से लोगों को बताने में जुटी रही कि सब ठीक है। सिर्फ ठीक नहीं है, बल्कि सब कुछ बेहतर हो रहा है। जो सत्तर साल में नहीं हुआ, वह अब हो रहा है। लेकिन जैसाकि कहा जाता है कि सच बहुत दिनों तक नहीं छिपता। यह भी कहा जाता है कि आप कुछ लोगों को कुछ समय मूर्ख बनाए रख सकते हैं, लेकिन सबको हमेशा ऐसा किए नहीं रख सकते। तो धीरे- धीरे लोग यथार्थ देखने लगते हैं। वही अब हो रहा है। तो इससे सरकार और सत्ताधारी पार्टी परेशान है। विदेशों में छवि बिगड़ी है, तो देश के अंदर भी पहले जो समूह सरकार समर्थक थे, अब वे आलोचक होते जा रहे हैं। तो अपनी समझ के मुताबिक सरकार ने यह सोचा है कि ऐसा कि धारणाओं को ठीक से ना संभालने के कारण हो रहा है। उसकी सोच में यह बात नहीं आई कि धारणाएं इसलिए बदल रही हैं, क्योंकि हकीकत लोगों को ऐसा करने के लिए मजबूर कर रही है।