दुनिया के घटनाक्रमों पर आंख-कान रखें और क्या चल रहा है, इसे समझने के लिए इन्हें आपस में जोड़कर देखें

परिवार का मतलब सिर्फ खून के रिश्ते नहीं होते बल्कि यह प्रेम और समानुभूति पर बनता है

Update: 2021-10-12 10:37 GMT

एन. रघुरामन ।  पहली बिंदु: परिवार का मतलब सिर्फ खून के रिश्ते नहीं होते बल्कि यह प्रेम और समानुभूति पर बनता है। यह कथन शायद हैरान करने वाला न लगे क्योंकि हम समाज में ऐसे कई लोगों को जानते हैं, जिन्होंने बच्चे गोद लिए हैं या सरोगेसी से पैरेंट्स बने हैं। नई खबर तो यह है कि आने वाले वर्षों में पसंद के मां-बाप गोद लेना नया नॉर्मल होगा। मेट्रो शहरों में अकेले रह रहे लोग लॉकडाउन की एंग्जायटी के सबसे बड़े शिकार रहे हैं और उन्हें परिवार का मोल समझ आया है।

इसलिए उन्हें ऐसे बुजुर्गों की जरूरत है, जो बच्चों की देखभाल करें, उन्हें पुरानी संस्कृति सिखाएं और दंपति को भी पुराने मूल्य, लोकाचार आदि बता सकें। इसलिए वे मां-बाप गोद लेने तैयार हैं। इस नई अवधारणा पर आधारित फिल्म 'हम दो हमारे दो' अगले महीने रिलीज होगी, जिसमें राजकुमार राव प्रेमिका को खुश करने के लिए मां-बाप गोद लेते हैं। परिवार के समीकरण बदल रहे हैं और समानुभूति जरूरी हो रही है, इसलिए परिवार भी दोबारा परिभाषित हो रहे हैं।
दूसरी बिंदु: प्रिंस हैरी का मेंटल हेल्थ स्टार्टअप 'बेटरअप' का मूल्यन सिर्फ आठ महीने में तिगुना हो गया है और सिलिकॉन वैली के मार्क जुकरबर्ग जैसे टायकून्स ने इसमें गुप्त रूप से पैसे लगाए हैं। फिलहाल, कंपनी का 249 डॉलर प्रतिमाह कीमत का ऐप अमेरिका में यूजर्स की मानसिक स्वास्थ्य, पोषण से लेकर बच्चों की देखभाल तक से जुड़े वन-टू-वन कोचिंग सेशन लेने में मदद कर रहा है।
लॉकडाउन ने बेटरअप ऐप की मांग ऐसी कंपनियों में बढ़ाई है जो चाहती हैं कि उनके स्टाफ की घर में देखभाल होती रहे। इसकी फेसबुक, गूगल, नासा और यहां तक कि ब्रिटिश पेट्रोलियम जैसी बड़ी कंपनियां क्लाइंट हैं। कंपनी के चीफ इम्पैक्ट ऑफिसर प्रिंस हैरी मानते हैं कि दुनिया मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही है और सामाजिक बाधाओं, बदनामी और वित्तीय परेशानियों के कारण इन पर ध्यान नहीं दे पा रही। वे नहीं चाहते कि ऐसे लोग मदद पाने से पहले 'टूटा हुआ' महसूस करें।
तीसरी बिंदु: पिछले कुछ दिनों में बिजली संकट वॉट्सएप पर चर्चा का विषय बन गया है। इस बीच रिलायंस इंडस्ट्री ने रविवार को दो रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियों का करीब 9,432 करोड़ रुपए में अधिग्रहण की घोषणा की। इससे कंपनी का ग्रीन एनर्जी में बड़ा विस्तार होगा।
रिलायंस के बारे में मेरा निजी अध्ययन बताता है कि मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनियां हमेशा बड़े आकंड़ों और बड़ी संख्या में सब्सक्राइबर के पीछे भागती हैं। ग्रीन एनर्जी सेक्टर में उनका प्रवेश मेरे इस विश्वास को मजबूत करता है कि वैकल्पिक ऊर्जा हमारे लिए अगली बड़ी चीज साबित होने वाली है।
चौथी बिंदु: फास्ट फूड चेन बर्गर किंग अगले साल स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध होने की तैयारी कर रही है। मेक्सिकन फूडचेन टॉरटिला समेत कई अन्य हेल्दी फूड सप्लायर कंपनियां शेयर मार्केट में आ चुकी हैं। महामारी के बाद बढ़ी मांग के चलते प्योरजिम जैसी फिटनेस चेन भी स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध होने के लिए प्रयासरत हैं क्योंकि लोग अब फिट रहना चाहते हैं। अब इन बिंदुओं को जोड़ें।
लोग स्वस्थ तथा फिट रहना, ग्रीन एनर्जी इस्तेमाल करना, जल्दी लेकिन सही खाना, अपने मानसिक सेहत का ख्याल रखना और अंतत: ऐसे बड़े परिवार के साथ खुश रहना चाहते हैं जिसमें प्रेम और मूल्य हों। फंडा यह है कि दुनिया के घटनाक्रमों पर आंख-कान रखें और क्या चल रहा है, इसे समझने के लिए इन्हें आपस में जोड़कर देखें। इससे आपको दूसरों से बहुत आगे रहने में मदद मिलेगी।


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