अंतरराष्ट्रीय हालात और सेना-1

सावन के महीने में हर दिन हो रही मूसलाधार बरसात से नदी नालों में पानी का बहाव इस कदर बढ़ गया है

Update: 2022-08-05 18:59 GMT
सावन के महीने में हर दिन हो रही मूसलाधार बरसात से नदी नालों में पानी का बहाव इस कदर बढ़ गया है कि बाहरी प्रदेशों से आए पर्यटक मौज मस्ती करने के चक्कर में पानी की गहराई का अंदाजा लगाए बिना नहाने के लिए उतर रहे हैं और जान गंवा रहे हैं। बरसात की वजह से पहाडिय़ों के दरकने, भूस्खलन, बादल फटने आदि से हर दिन नई मुश्किलें और मुसीबतें सामने आ रही हैं। जिला कांगड़ा के पौंग डैम का जलस्तर बढऩे से लोकल लोग भी पानी के मिजाज को भांपने में असफल हो रहे हैं। सावन की झड़ी के दौरान राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय खिलाडिय़ों ने भी इस बार पदकों की बारिश करवा रखी है। जब से राष्ट्रमंडल खेलों की शुरुआत हुई है, शायद उसके बाद का विदेशी धरती पर होने वाले इस आयोजन में भारत का सर्वश्रेष्ठ आगाज है जिसमें अब तक भारत छह स्वर्ण पदक के साथ-साथ करीब 20 पदक जीतकर पदक तालिका में अपने नाम को सम्मानित स्थान पर प्रदर्शित कर रहा है। दूसरी तरफ जिस तरह से ईडी का शिकंजा विपक्षी दलों के नेताओं पर बढ़ रहा है उससे ऐसे प्रमाणित हो रहा है कि ईडी विपक्षी दलों के उन सब नेताओं पर कार्रवाई करने को प्राथमिकता दे रही है जो मुखर होकर सत्तारूढ़ दल के खिलाफ या विरोध में बात कर रहे हैं। मेरा मानना है कि ईडी को आम जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए न केवल विपक्ष के मुखर नेताओं बल्कि भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त हर आदमी पर बराबर कार्रवाई करनी चाहिए, चाहे वह किसी भी दल या संस्था से जुड़ा हो। ऐसा करना शायद ईडी की अपनी इमेज और जनता में विश्वास को और सुदृढ़ एवं ताकतवर बनाएगा। अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बात करें तो अमेरिका की चाल में फंसा यूक्रेन रूस से पिछले करीब 5 महीने से युद्ध में लिप्त है जिसके परिणाम रूस और यूक्रेन दोनों के नागरिकों के लिए बड़े ही भयावह और हानिकारक हैं।
इस युद्ध का सबसे ज्यादा प्रभाव यूक्रेन की अर्थव्यवस्था, व्यापार, उद्योगों तथा विकसित सामाजिक संस्थाओं पर पड़ा है, पर अमेरिका और अन्य उसके साथी देशों के यूक्रेन को लगातार हथियारों की सप्लाई करते रहने से यूक्रेन रूस की बात नहीं मान रहा है और इसके दौरान रूस की अर्थव्यवस्था भी अब चरमराने लगी है। अमेरिका एशियन महाद्वीप की दो मुख्य ताकतों रूस और चीन को अपने रास्ते से हटाना चाहता है। अमेरिका ने रूस को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में फंसा रखा है तो दूसरी तरफ अब चीन को इसी तरह के जाल में फंसाने के लिए नैन्सी पेलोसी ने ताइवान का दौरा करके चीन को भडक़ा दिया है जो रूस की राह पर चलते हुए ताइवान को समुंद्र, हवा और जमीन हर तरफ से घेरने के मूड़ में है। नैन्सी पेलोसी ताइवान से निकलते ही दक्षिण कोरिया का दौरा किया है जिसमें उनका मंसूबा उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को भी रूस और चीन की राह पर धकेलने का है। अमेरिका की इस कूटनीति से अगले कुछ ही महीनों में अगर सब अमेरिका के हिसाब से होता रहा तो रूस-यूक्रेन, चीन-ताइवान एवं जापान तथा नॉर्थ-साउथ कोरिया आपस में युद्ध शुरू कर देंगे, जिसका मकसद वर्षों से यूरोप और अमेरिका का विश्व के हर देश पर बना प्रभुत्व बरकरार रखना है जिसे एशिया से कुछ ताकतों ने अभी चैलेंज किया था। अमेरिका की इस चाल में फंसते हुए एशियन देश आपस में ही लडक़र अपनी अर्थव्यवस्था को खत्म कर लेंगे और यूरोप और अमेरिका का प्रभुत्व पूरे विश्व में फिर से वैसे ही बना रहेगा।
कर्नल (रि.) मनीष
स्वतंत्र लेखक

By: divyahimachal

Similar News

-->