Inside Story: बंगाल के रण में बड़े चेहरों के पीछे BJP की खास रणनीति, ममता को मात देने का 'स्पेशल' प्लान
दिनहाता विधानसभा: दलित और मुस्लिम वोट होंगे निर्णायक
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने रविवार को 63 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी. इसमें तीसरे चरण के चुनाव के लिए 27 कैंडिडेट्स, जबकि चौथे चरण के चुनाव के लिए पार्टी ने 36 कैंडिडेट्स के नाम शामिल हैं. इन 63 उम्मीदवारों में बड़े चेहरों की बात करें तो बीजेपी ने अपने 4 सिटिंग सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारा है. इनमें स्वपन दासगुप्ता राज्यसभा सदस्य हैं, जबकि अन्य 3 सांसदों में आसनसोल सांसद बाबुल सुप्रियो, कूचविहार सांसद निशित प्रमाणिक, हुगली सांसद लॉकेट चटर्जी हैं.
दिनहाता विधानसभा: दलित और मुस्लिम वोट होंगे निर्णायक
निशित प्रमाणिक वर्तमान में कूचविहार से सांसद हैं, जो एससी के लिए आरक्षित सीट रही है. केंद्र की राजनीति से अब वे राज्य की राजनीति में उतरे हैं. उन्हें दिनहाता विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है. इलाके के समीकरण की बात करें तो यहां 41 फीसदी आबादी एससी, जबकि 0.4 फीसदी एसटी आबादी है. मुस्लिम आबादी यहां करीब 32 फीसदी है. यानी स्पष्ट है कि यहां मुस्लिम और दलित निर्णायक वोटर हैं. बीजेपी सांसद निशित प्रमाणिक खुद राजबंशी समुदाय से हैं, जो एससी में आते हैं. इस सीट से टीएमसी की ओर से उदयन गुहा मैदान में हैं.
टॉलीगंज: ममता के 'खास' के खिलाफ बीजेपी सांसद
आसनसोल से बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो को टॉलीगंज से उतारा गया है. यहां से टीएमसी प्रमुख ममता के खास अरूप विश्वास मैदान में हैं. बीजेपी इस लड़ाई को टीएमसी के लिए बहुत ही मुश्किल करने वाली है. अरुप के लिए सुप्रियो से लड़ना आसान नहीं होगा. यहां एससी और मुस्लिम 4-4 फीसदी हैं. यानी यहां हिंदू ही निर्णायक वोटर हैं.दिनहाता विधानसभा: दलित और मुस्लिम वोट होंगे निर्णायक
तारकेश्वरनाथ महादेव की भूमि और चुनचुरा से बीजेपी का दांव
राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता तारकेश्वर विधानसभा सीट से लड़ने वाले हैं, जो भगवान शिव के प्रसिद्ध मंदिर के लिए जाना जाता है. हिंदुत्व की राजनीति करने वाली बीजेपी को यहां सफलता की पूरी उम्मीद है. हालांकि यहां 27 फीसदी एससी, 5 फीसदी एसटी और 10 फीसदी मुस्लिम आबादी भी है.
हुगली से बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी को चुनचुरा से टिकट दिया गया है. यहां से सिटिंग सांसद को मैदान में उतारकर बीजेपी का उद्देश्य स्पष्ट है कि इस सीट पर पार्टी का कितना फोकस है. टीएमसी के लिए अभिनेत्री से नेत्री बनी लॉकेट को चुनौती देना मुश्किल हो सकता है.
ममता के विधायक उन्हीं के खिलाफ ठोकेंगे ताल
इनके अलावा 4 वैसे सिटिंग विधायकों को भी टिकट दिया गया है, जो ममता की टीएमसी छोड़ बीजेपी में शामिल हुए हैं. इनमें डोम्जुर विधानसभा से राजीव बनर्जी टीएमसी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. वहीं, सिंगुर विधायक रबिंद्र नाथ भट्टाचार्य, डायमंड हार्बर से विधायक दीपक हलदर और उत्तरपारा से प्रबीर घोषाल को उनकी वर्तमान सीट से ही टिकट दिया गया है. पिछली बार टीएमसी के टिकट पर विधायक चुने गए ये नेता इस बार अब बीजेपी की ओर से मैदान में हैं. ये नेता सीएम ममता बनर्जी के ही खिलाफ मैदान में ताल ठोक रहे हैं. बीजेपी ने बांग्ला सिनेमा से चार चेहरों को भी टिकट दिया है. इनमें सोनारपुर दक्षिण से अंजना बसु, बेहाला पुर्बा से पायल सरकार, श्यामपुर से तनुश्री चक्रवर्ती और चंडीताला से यश दासगुप्ता के नाम शामिल हैं.