Ind vs Eng: 'असमंजस वाले' ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट के रद्द होने के पीछे IPL 2021 जिम्मेदार?

बीसीसीआई और खिलाड़ियों की सबसे बड़ी चिंता आईपीएल में खेलना

Update: 2021-09-11 15:14 GMT

क्रिकेट इतिहास को पलटकर देखें तो ये एक अभूतपूर्व घटनाक्रम हैं, जहां पर एक बेहद रोमांचक टेस्ट सीरीज का फैसला ऐसे असमंजस वाले हालात के चलते अटक गया, जिसकी मिसाल ही नहीं हैं. आखिर ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट का मौजूदा स्टेटस क्या है? आम क्रिकेट प्रेमी को तो छोड़िये, बड़े से बड़े क्रिकेट पंडित, बीसीसीआई और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के आला अधिकारियों समेत क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था आईसीसी को भी फिलहाल इस बात की कोई हवा नहीं है कि आखिर ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट का मौजूदा स्टेटस क्या है?

सोशल मीडिया में बेहद प्रचलित फेसबुक पर अक्सर युवा पीढ़ी अपने रिश्तों को लेकर उलझन में रहते हैं तो It's complicated( फिलहाल स्थिति जटिल है) का स्टेटस डाल देते हैं. भारत, इंग्लैंड और यहां तक कि आईसीसी के लिए भी फिलहाल यही स्थिति है. हम उस दौर में जी रहें हैं, जहां हर कोई हर मिनट में WhatsApp पर अपना स्टेटस अपडेट करता रहता है, लेकिन दो बेहद पेशवर और ताकतवर क्रिकेट बोर्ड पिछले 24 घंटे से इस सीरीज के आखिरी टेस्ट को लेकर अपना ताजा स्टेटस अपडेट करने की हालात में नहीं है. इसके लिए भी फिर से आईपीएल ही होगा दोषी?
बीसीसीआई और खिलाड़ियों की सबसे बड़ी चिंता आईपीएल में खेलना
बहरहाल, इन तमाम उलझनों के बीच ना चाहते हुए भी हर समय क्रिकेट के हर विवाद और हर खूबी के लिए अक्सर आईपीएल का जिक्र हो ही जाता है. भले ही इंग्लैंड में सीरीज खेली जा रही थी , लेकिन ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट के स्टेटस उलझन के लिए आईपीएल को ही दोषी ठहराया जा रहा है. ये सच है कि भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज खत्म होने के ठीक 4 दिन बाद आईपीएल 2021 का अधूरा सीजन पूरा होने के लिए दुबई में क्रिकेट का मेला फिर से सजने वाला है. भारत वैसे भी मौजूदा सीरीज में 2-1 से आगे चल रहा है और फिलहाल बीसीसीआई और खिलाड़ियों की सबसे बड़ी चिंता आईपीएल में खेलना और उसा सफलतापूर्वक आयोजन होना है.
फ्रेंचाइजी पर संकट आने का खतरा
अगर किसी भी तरीके से विराट कोहली, रोहित शर्मा, ऋषभ पंत, केएल राहुल, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और रवींद्र जडेजा समेत कोई भी खिलाड़ी कोविड पॉजिटिव पाया जाता है तो उनकी फ्रेंचाइजी के लिए बहुत बड़ा संकट आ सकता है. चूंकि, आधा सीजन पहले ही खत्म हो चुका है और अंक तालिका की स्थिति बहुत नाजुक है जहां पर किसी अहम खिलाड़ी का 2 हफ्ते से टूर्नामेंट से बाहर होने के मतलब होगा उस टीम के लिए एक बहुत बड़े मैच विनर का बेहद निर्णायक समय में हटना, लेकिन इसके लिए पूरी तरह से आप आईपीएल को दोषी करार नहीं दे सकते हैं. बीसीसीआई शुरू से ही आखिरी टेस्ट को 10 सितंबर से खेलने के पक्ष में नहीं थी और उनका तर्क था कि इसके तुरंत बाद आईपीएल शुरु हो जाएगा और किसी भी अनचाही घटना (कोविड से जुड़ी) के चलते हर किसी की मुश्किल बढ़ जाएगी, क्योंकि ना सिर्फ बीसीसीआई बल्कि पूरे क्रिकट जगत की आर्थिक-व्यवस्था आईपीएल के बूते चलती है. अब इंग्लैंड को शायद इस बात का मलाल हो रहा होगा कि काश उन्होंने बीसीसीआई की बात मानते हुए ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट को सीरीज का पहला टेस्ट बना दिया होता.
काश, BCCI की तब सुन ली होती तो नहीं पछताते अभी!
इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज कप्तानों ने स्काई स्पोर्ट्स टीवी चैनल पर माना है कि आईपीएल का साया हमेशा से ही इस टेस्ट मैच पर छाया हुआ था और आखिरकार दुर्भाग्य से वही हुआ, जिसका सबसे ज्‍यादा डर था. ऐसे में बीसीसीआई के अधिकारियों से ये सवाल तो बनता है कि क्या ऐसा बिल्कुल मुमकिन नहीं था कि इस टेस्ट मैच को पूरा करवाने के लिए आखिर समय में कुछ बदलाव किए जा सकते थे? आप चाहे कितने भी तर्क दे दें, लेकिन अगर बीसीसीआई खुद को इंग्लैंड की जगह में पाता तो क्या उसका रवैया आईपीएल को लेकर थोड़ा लचीला नहीं हो सकता था? लेकिन, सिक्के का दूसरा पहलू ये भी है कि इंग्लैंड के पास बीसीसीआई पर किसी तरह का नैतिक दबाव बनाने का अपना कोई तर्क नहीं है, क्योंकि अगर बीसीसीआई अपने आईपीएल को लेकर सबसे फिक्रमंद है तो ईसीबी ने भी तो The Hundreds (आईपीएल की ही तरह इंग्लैंड का टी20 में अपना एक नया फॉर्मेट) के लाड में ओल्ड-टैफर्ड टेस्ट को जुलाई में खेलने के लिए तैयार नहीं हुआ.
खेल-प्रेमियों के लिए सबसे बड़ी उलझन
खेल प्रेमियों के लिए सबसे बड़ी उलझन है कि कोई नहीं इस रोमांचक टेस्ट सीरीज का नतीजा तो बता दें. क्या 5 मैचों की सीरीज में भारत की 2-1 की लीड अगले साल तक बनी रहेगी? अगले साल यानी कि 2022 में टीम इंडिया को सफेद गेंद क्रिकेट के लिए फिर से इंग्लैंड का दौरा करना है तो ऐसे में उस समय इस टेस्ट को पूरा किया जायेगा. लेकिन, क्रिकेट इतिहास में ऐसी कोई मिसाल नहीं रही है कि कोई सीरीज इतने लंबे अंतराल के बाद पूरी की गई हो. आमतौर पर किसी रोमांचक मैच में जब आखिरी विकेट गिरता है उसे विरोधी टीम अंपायर के पास DRS के लिए भेज दे देती हैं तो जब तक सही फैसला आता है. जीत के लम्हें में वो स्वाभाविक प्रतिक्रिया वैसी नहीं रह पाती है. ऐसे में इस सीरीज को अगर भारत 3-1 से जीतता है या फिर इंग्लैंड 2-2 से बराबरी करने में कामयाब होता है तो इसकी प्रतिक्रिया किसी भी लिहाज से वैसी नहीं हो सकती है जो इस हफ्ते होती . कौन जानता है जब वो मैच अगले साल खेला जाए इस पिछले टेस्ट यानि ओवल में खेले गये 22 में से 11 खिलाड़ी भी उस मैच में नजर आए?
बीमा के मिल सकते हैं 3 अरब रुपये
क्या ईसीबी सीरीज को 2-2 की बराबरी पर खत्म करने के लिए बीसीसीआई को मना पाने में कामयाब हो सकता है? क्रिकेट के लिहाज से इंग्लैंड ना सिर्फ टेस्ट सीरीज में हार के रिकॉर्ड से बचेगा, बल्कि उससे बड़ी बात ये है कि ऐसा दावा करने से उसे करीब 3 अरब रुपये का बीमा के तौर पर मिल सकता है. यही वहज है कि इंग्लैंड से इस टेस्ट को कोविड के चलते रद्द ना होने की बजाए भारतीय खिलाड़ियों का 'मानसिक रुप से तैयार ना होना' वाला तर्क देने की कोशिश कर रहा है. आज के दौर में खिलाड़ियों की मानसिक स्वास्थ को लेकर खेल जगत और दुनिया में एक अलग तरह की संवेदनशीलता का संचार हो रहा है जिसका सहारा लेकर इंग्लैंड कुछ हद तक अपने घाटे को कम कर सकता है.
क्या आईसीसी को भी आखिर में कूदना पड़ेगा?
आने वाले कुछ दिन और कुछ हफ्ते और हो सकता है. कुछ महीने भारत-इंग्लैंड और आईसीसी के लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं. ये ठीक है कि भारत और इंग्लैंड के रिश्ते क्रिकेट के मैदान के बाहर बेहद दोस्ताना और पेशेवर रहें है और इसमें किसी तरह की खटास नहीं है, लेकिन ये मुद्दा दोनों बोर्ड के संयम की परीक्षा लेगा. मैदान में जिस तरह से दोनों टीम काफी जोर लगाते हुए एक कदम भी पीछे हटने को तैयार नहीं होती है, कुछ वैसा ही नजरिया दोनों बोर्ड अपनाते हैं. ऐसे में क्रिकेट के अभिवाहक आईसीसी को अपने दो सबसे ताकतवर बोर्ड के बीच सुलह और बीच का रास्ता निकलवाने में एक अहम किरदार निभाना पड़ सकता है. कुल मिलाकर देखा जाए तो टेस्ट सीरीज की तरह इस मुद्दे पर आखिरी निर्णय आने तक वैसा ही सस्पेंस फिलहाल आपको नजर आयेगा.
(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए जनता से रिश्ता किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं है)
विमल कुमार, न्यूज़18 इंडिया के पूर्व स्पोर्ट्स एडिटर विमल कुमार करीब 2 दशक से खेल पत्रकारिता में हैं. Social media(Twitter,Facebook,Instagram) पर @Vimalwa के तौर पर सक्रिय रहने वाले विमल 4 क्रिकेट वर्ल्ड कप और रियो ओलंपिक्स भी कवर कर चुके हैं.
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