इमरान: कश्मीर में जनमत-संग्रह ?
पाकिस्तान में हर साल 5 फरवरी को कश्मीर-दिवस मनाया जाता है।
पाकिस्तान में हर साल 5 फरवरी को कश्मीर-दिवस मनाया जाता है। इस साल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और सेनापति कमर जावेद बाजवा ने थोड़े सम्हलकर बयान दिए हैं। भारत के साथ गाली-गुफ्ता नहीं किया है। बाजवा ने कहा है भारत कश्मीर का कोई सम्मानपूर्ण हल निकाले लेकिन इमरान खान ने परंपरा से हटकर कोई बात नहीं की। पुराने प्रधानमंत्रियों की तरह उन्होंने कश्मीर पर संयुक्तराष्ट्र के प्रस्ताव को लागू करने, और जनमत-संग्रह करवाने की बात कही और धारा 370 दुबारा लागू करने का आग्रह किया। यहाँ इमरान खान से मेरा पहला सवाल यह है कि उन्होंने संयुक्तराष्ट्र संघ का 1948 का कश्मीर-प्रस्ताव पढ़ा भी है या नहीं ? जब प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो ने उनसे मेरी पहली मुलाकात में यही बात इस्लामाबाद में मुझसे कही थी, तब मैंने उनसे यही सवाल पूछा था। उनका असमंजस देखकर मैंने उस प्रस्ताव का मूलपाठ, जो मैं अपने साथ ले गया था, उन्हें पढ़वा दिया। उसकी पहली धारा कहती है कि जनमत-संग्रह के पहले तथाकथित 'आज़ाद कश्मीर' में से प्रत्येक पाकिस्तानी नागरिक को हटाया जाए।