चाइनीज़ माल को ठेंगा दिखा कर भी दीपावली शॉपिंग ने कैसे 10 सालों का रिकॉर्ड बनाया

चाइनीज़ माल को ठेंगा

Update: 2021-11-06 17:21 GMT
संयम श्रीवास्तव।
भारत समेत पूरी दुनिया अभी तक कोरोना महामारी से बाहर नहीं निकली है. हालांकि महामारी के दौरान बंद पड़े उद्योग धंधे अब धीरे-धीरे चलने लगे हैं. आम भाषा में कहें तो लोगों की जिंदगी अब धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी है. दीपावली का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ-साथ बाजार के लिए भी खास होता है. क्योंकि दीपावली की खरीदारी से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती भी मिलती है और उसकी स्थिति भी पता चलती है. इस साल दीपावली की खरीदारी ने बीते 10 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. दरअसल कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के रिपोर्ट के अनुसार इस दीपावली के दौरान 1.25 लाख करोड़ रुपए का कारोबार हुआ, जो बीते 10 सालों में सबसे अधिक है.

यह संस्था देश के लगभग सात करोड़ व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करती है. खास बात यह है कि साल 2019 और साल 2020 की दीपावली के दौरान बाजार में मंदी छाई थी. लेकिन 2021 की दीपावली की खरीदारी ने इस मंदी को एक तरह से दूर कर दिया है. जिसकी वजह से अब आने वाले समय में बेहतर व्यापार और कारोबार की उम्मीदें भी जगी हैं. इन सबके बीच सबसे चौंका देने वाली बात यह थी, कि भारतीय ग्राहकों ने अपनी खरीदारी से चीन को जबरदस्त झटका दिया है. दरअसल हर बार की दीपावली की खरीदारी की लहर चीनी सामान लूट जाते थे. लेकिन इस बार चीन को करीब 50,000 करोड़ रुपए का झटका लगा है. भारतीय ग्राहकों ने इस दीपावली चीनी सामानों के बजाय लोकल सामानों को ज्यादा तरजीह दी और उनकी जमकर खरीदारी की जिससे देश का पैसा देश में ही रह गया.

पूरे देश में लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपए का कारोबार हुआ
दीपावली की खरीदारी ने बाजारों की रौनक फिर से ला दी है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की रिपोर्ट के अनुसार इस दीपावली पूरे देश में लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपए का कारोबार हुआ. इसने बीते 10 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया. अकेले दिल्ली में तकरीबन 25 हजार करोड़ रुपए का व्यापार हुआ. वहीं देश भर में सोने चांदी के आभूषणों की खरीदारी लगभग 9000 करोड़ रुपए की हुई. पैकेजिंग उत्पादों का भी लगभग 15000 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ. जबकि ऑनलाइन फेस्टिवल सेल के दौरान बिक्री में पिछले साल के मुकाबले लगभग 23 फ़ीसदी का इज़ाफ़ा हुआ.

रेडसियर कंसलटिंग की रिपोर्ट बताती है कि ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर लगभग 32,000 करोड़ रुपए की बिक्री हुई है. ऑनलाइन सेल के दौरान सबसे ज्यादा बिक्री फ्लिपकार्ट की हुई है, जिसकी कुल हिस्सेदारी इस पूरी बिक्री में 64 फ़ीसदी रही. पिछले साल के मुकाबले इस साल ऑनलाइन बिक्री 20 फ़ीसदी बढ़ी है और सबसे खास बात की इस बढ़ोतरी में छोटे शहरों का लगभग 61 फ़ीसदी योगदान रहा है.

आने वाले समय में और बढ़ेगी खरीददारी
दीपावली के बीतने के बाद अब कारोबारी शादियों के सीजन की तैयारी कर रहे हैं. दरअसल भारत में शादियों के दौरान भी जमकर खरीदारी की जाती है. खासतौर से सराफा बाजार इसके लिए पूरी तरह से तैयार है. सराफा बाजार ने भी इस दीपावली जमकर कारोबार किया. कारोबारियों के मुताबिक अकेले दिल्ली में धनतेरस के दिन लगभग एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का सराफा कारोबार हुआ. जो पिछले धनतेरस से 30 से 40 फ़ीसदी ज्यादा है. मुंबई में भी पिछले धनतेरस के मुकाबले 40 फ़ीसदी ज्यादा कारोबार हुआ. आंकड़ों में देखें तो यहां लगभग 700 करोड़ रुपए के पार सराफा कारोबार हुआ. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की रिपोर्ट के अनुसार धनतेरस पर देश भर में लगभग 15 टन सोने के आभूषण बिके, जिनकी कीमत 7,500 हजार करोड़ रुपए के आसपास है.

चीनी सामान से दूरी बना रहे हैं लोग
कोरोना महामारी की शुरुआत चीन से हुई. जिसने पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लिया. चीन पर आरोप लगे कि उसने इस वायरस को लेकर कई चीजें छुपाईं. जिसकी वजह से पूरी दुनिया में चीन की बदनामी हुई. भारत के लोग जो अक्सर चीनी सामान का बायकॉट करने की बात करते हैं, उन्होंने इस दीपावली इस बात को सच भी कर दिया. दरअसल चीन और भारत के रिश्ते बीते कुछ सालों से बेहतर नहीं हैं. बॉर्डर पर चीन अपनी हेकड़ी दिखाता है और भारत का मुंहतोड़ जवाब देता है. लेकिन इस बार भारत की जनता ने बाजार में चीनी सामानों को भी मुंह तोड़ जवाब दिया. चीन को इस दीपावली लगभग 50,000 करोड़ रुपए की चपत लगी है.

रिपोर्ट्स बताते हैं कि भारतीय कारोबारी और भारतीय ग्राहक दोनों ही अब चीनी सामानों को खरीदने से और बेचने से परहेज कर रहे हैं. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की रिपोर्ट का दावा है कि भारतीय ग्राहक अब लोकल सामानों को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं और चीनी सामानों को खरीदने से बच रहे हैं. जानकार तो ऐसी ही उम्मीद लगा रहे हैं कि दिसंबर 2021 तक देश भर के बाजारों में लगभग 3 लाख करोड़ रुपए का व्यापार होगा. जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर लौट आएगी.

वाहन बिक्री में कमजोर रहा बाजार
इस दीपावली जहां कुछ क्षेत्रों में बाजार शानदार रहा. वहीं कुछ सेक्टर्स में मायूसी भी देखने को मिली. फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन की माने तो देश में वाहन बिक्री के लिए यह त्यौहारी सीजन बीते एक दशक में सबसे खराब रहा. क्योंकि इस धनतेरस को अनुमानों के मुताबिक दोपहिया और कारों की बिक्री बीते साल के मुकाबले 30 फ़ीसदी कम रही. बिजनेस स्टैंडर्ड में छपी एक खबर के मुताबिक मारुति ने पिछले साल धनतेरस पर लगभग 15,000 कारों की बिक्री की थी. लेकिन इस साल चिप की किल्लत की वजह से बिक्री बुरी तरह प्रभावित हुई. हालांकि ऑटोमोबाइल्स कारोबारियों को आने वाले दिनों में अच्छे व्यापार की उम्मीद है. क्योंकि शादियों के सीजन शुरू हो रहे हैं और ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि गाड़ियों की खरीदारी बढ़ेगी.

मेवा कारोबारियों की भी फीकी रही दीपावली
महंगाई अपने चरम स्तर पर है और इसका असर दिखा मेवा कारोबारियों पर. क्योंकि इस दीपावली पिछले साल के मुकाबले मेवों की बिक्री लगभग 15 से 20 फ़ीसदी कम रही. कारोबारी इसकी वजह मानते हैं बढ़ी हुई कीमतों को. वह बताते हैं कि इस दीपावली मेवों की कीमत पिछले साल के मुकाबले 10 से 15 फ़ीसदी ज़्यादा रही है. बिजनेस स्टैंडर्ड में छपी एक खबर के मुताबिक दिल्ली में मेवों का सालाना कारोबार 1200 से 1500 करोड़ रुपए का होता है. जिसमें इस साल 200 से 300 करोड़ रुपए की कमी आ सकती है. मेवों के दाम बढ़ने की वजह कारोबारी अफगान संकट को बताते हैं. इस साल अगस्त में तो मेवों के दाम 200 से 400 रुपए प्रति किलो तक बढ़ गए थे. हालांकि अब इनमें धीरे-धीरे गिरावट आ रही है. लेकिन दीपावली के मुकाबले अभी मेवों के दाम प्रति किलो के हिसाब से 100 से डेढ़ सौ रुपए ज्यादा हैं.

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