होम्योपैथी कोई वैकल्पिक चिकित्सा नहीं बल्कि एक पूरक मेडिकल ट्रीटमेंट पद्धति है: एक्सपर्ट
हर साल हम 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस मनाते (World Homeopathy Day) हैं
शालिनी सक्सेना
हर साल हम 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस मनाते (World Homeopathy Day) हैं. ताकि चिकित्सा के क्षेत्र के महत्व और कुछ घातक बीमारियों के उन्मूलन में इसकी क्षमता पर रोशनी डाली जा सके. इस साल भारत में विश्व होम्योपैथी दिवस 2022 की थीम 'पीपुल्स चॉइस फॉर वेलनेस' रही. इस दिन दिल्ली के चितरंजन पार्क में 38 सालों से होम्योपैथी चिकित्सा (Homeopathy medicine) से लोगों का इलाज कर रहे डॉ. कल्याण बनर्जी – एकमात्र ऐसे डॉक्टर है जिन्हें होम्योपैथिक चिकित्सा में पद्म श्री पुरस्कार मिल चुका. TV9 ने डॉ. बनर्जी से होम्योपैथी से जुड़े सवाल किए . इस दौरान डॉ. ने कहा कि होम्योपैथी दवाएं शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करती हैं.गंभीर बींमारियों का भी होम्योपैथी के माध्यम से इलाज़ हो सकता है.
सवाल: कुछ समस्याएं जिन्हें होम्योपैथी COVID-19 के दौरान हल करने में सक्षम थी
सबसे पहले मैं यह साफ करना चाहता हूं कि होम्योपैथी मेडिकल ट्रीटमेंट की एक वैज्ञानिक पद्धति (Scientific method) है. कोरोना (Covid) के दौरान हमने प्रोफिलैक्सिस उपचार के साथ शुरुआत की. यह सफल भी रहा और हमने COVID पेशेंट का इलाज शुरू किया. दवाओं के प्रति उन लोगों में अच्छा रिस्पॉन्स दिखा. खासकर ऐसे लोगों में जिनमें कोविड के हल्के से मध्यम लक्षण मौजूद थे. हम उन लोगों का भी इलाज करने में कामयाब रहे जिनके लक्षण गंभीर थे और जिन्हें किसी भी अस्पताल में भर्ती नहीं कराया जा सका था. कुछ सामान्य समस्याएं जो लोगों को संक्रमण के बाद आईं वे सांस लेने से संबंधित थीं. दूसरी समस्याओं में न्यूरोलॉजिकल, कार्डियक और मानसिक समस्याएं थीं. लक्षणों की गंभीरता के आधार पर कुछ लोग जल्दी ठीक हो गए तो कुछ को ज्यादा समय लगा. यह एक मिथक है कि यदि आप होम्योपैथी लेते हैं तो रिकवरी धीमी होती है.
सवाल: एलोपैथी से अभी तक COVID-19 की रोकथाम संभव नहीं है क्या होम्योपैथी के लिए भी यह सच है?
हमने COVID-19 के दौरान लोगों को कुछ दवाएं दीं थी. वे लोग वापस आए और उन्होंने कहा कि वह इससे स्वस्थ बने रहे. यहां तक कि जो लोग पॉजिटिव आए उन्होंने भी कहा कि उनमें लक्षण हल्के थे. लोगों से मिले फीडबैक के आधार पर हम मान सकते हैं कि ये दवाएं काम करती हैं. क्लीनिक में मेरे द्वारा ज्यादातर इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं हैं-आर्सेनिक एल्बम 6, यूपेटोरियम पर्फ 30 और लाइकोपोडियम 30.
सवाल: क्या होम्योपैथी में सेल्फ-मेडिकेशन के खतरे हैं?
निश्चित रूप से बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा नहीं लेनी चाहिए. यदि कोई व्यक्ति बताई गई दवा नहीं ले रहा है तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. मरीज की हालत ठीक होने की बजाय और बिगड़ सकती है.
सवाल: होम्योपैथी मेडिसिन इम्यूनिटी बढ़ाती है?
ऐसी बहुत सी दवाएं हैं जो हम अपने मरीजों को देते हैं. ये उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती हैं. होम्योपैथी मेडिसिन शरीर के इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाती हैं जिससे शरीर को बीमारी से लड़ने में मदद मिलती है.
सवाल: होम्योपैथी में दवा देते समय हमेशा बताया जाता है कि किन चीजों से परहेज करें, ऐसा क्यों?
कुछ ऐसी दवाएं हैं जो हींग, प्याज और लहसुन के स्वाद के प्रति संवेदनशील (सेंसिटिव) होती हैं. यह गोलियों के प्रभाव को बेअसर कर देते हैं. हम लोगों से केवल गठिया और गुर्दे की समस्याओं जैसी बीमारियों के लिए कुछ प्रतिबंधों का पालन करने के लिए कहते हैं.
सवाल: ऐसी कौन सी सामान्य दवाएं हैं जिन्हें घर पर रखा जा सकता है?
ऐसी कई दवाएं हैं जो सामान्य सर्दी और खांसी के लिए ली जा सकती हैं. लेकिन एक बार फिर मैं खुद से दवा लेने के खतरों की ओर इशारा करना चाहूंगा. मान लीजिए अगर किसी व्यक्ति को तीन महीने पहले सर्दी हुई थी और उसने मेरे द्वारा दी गई गोलियां लीं. बाद में उन्हें फिर से सर्दी हुई और उन्होंने वही दवा बिना डॉक्टर की सलाह पर दोहराईं तो ऐसे केस में अगर पेशेंट के लक्षणों में थोड़ा सा भी बदलाव है तो वह दवा काम नहीं करेगी. इसलिए हमेशा डॉक्टर के पास जाएं.
सवाल: किसी को कैसे पता चलेगा कि वे सही होम्योपैथ के पास गए हैं?
जाने से पहले हमेशा डॉक्टर के बारे में कुछ जानकारी हासिल करें. देखें कि उसकी क्वॉलिफिकेशन क्या हैं और उसके सक्सेस रिकॉर्ड (पेशेंट की रिकवरी) की जांच करें. अफसोस की बात है कि बहुत से ऐसे लोग हैं जो बिना किसी योग्यता के होम्योपैथी दवाएं लिख रहे हैं. वे किताबों में बीमारी के बारे में पढ़ते हैं और फिर दवाएं लिखते हैं. ऐसे लोगों से बचें.
सवाल: होम्योपैथी को अभी भी वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में जाना जाता है ऐसा क्यों है?
मैं कहूंगा कि होम्योपैथी अपने आप में एक पूरी चिकित्सा (कॉम्प्लिमेंटरी मेडिसिन) है. एलोपैथी लेने पर भी हम होम्योपैथी का इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां किडनी ट्रांसप्लांट के मरीजों पर एलोपैथी दवाएं असर नहीं कर रहीं थी लेकिन होम्योपैथी दवाओं के साथ वे पूरी तरह से ठीक हो गए. एलोपैथी और होम्योपैथी लेने में कोई बुराई नहीं है. मधुमेह, रक्तचाप और हृदय रोग से पीड़ित लोग अपनी एलोपैथी दवाओं को बंद नहीं कर सकते. ऐसे मामलों में एलोपैथी के साथ होम्योपैथी दवाएं लेना पूरी तरह से सुरक्षित है.