ऐसा फैशन अपनाएं जिसमें आपके अपने नियम हों- जो आरामदायक हो, रंगीन भी

एक अरसे बाद इस रविवार को मैं एक पार्टी में गया, जो थोड़ी अलग थी क्योंकि उसमें कुछ बच्चे भी थे

Update: 2022-02-01 07:50 GMT
एन. रघुरामन का कॉलम: 
एक अरसे बाद इस रविवार को मैं एक पार्टी में गया, जो थोड़ी अलग थी क्योंकि उसमें कुछ बच्चे भी थे। हमेशा की तरह वहां मुंबई के रईस अपने वार्डरोब्स से आधुनिक ट्रेंड्स दिखा रहे थे। हवा में थोड़ी ठंडक थी, पर वैसी नहीं जैसी उत्तर भारत में है। तब भी मैंने वहां मिडी-ड्रेस और शॉर्ट स्कर्ट्स देखीं, पिछले एक दशक से ज्यादा वक्त से वार्डरोब पर हावी इन ड्रेस ने 2022 में वापसी की है।
जब मैंने वहां 25-30 साल की लड़की लेपर्ड प्रिंट स्कर्ट (तेंदुए की स्किन जैसा) में देखी, तो मुझे यकीन था कि उसने अपनी स्कर्ट वार्डरोब से खोजकर निकाली होगी और 2022 के स्टाइल स्टेटमेंट के लिए इसे थोड़ा छोटा दिखाने की खातिर काटा होगा। स्पोर्टी ट्राउज़र्स कुछ साल तक रहे, पर 2022 की शुरुआत में उनकी लंबाई थोड़ी और कम हो गई।
वहां महिलाओं के छोटे-छोटे समूह थे, उनमें ज्यादातर हाथों में गिलास लिए टेबल के पास खड़ी होकर वहां से गुजरने वालों की ड्रेस के बारे में हंसते हुए बातें कर रही थीं। अगर आपके मुझ जैसे कान हों, तो उन्हें ये कहते हुए सुन पाते कि ये किसकी डिज़ाइन थी और किस साल आई। यहां तक कि वहां कोई इतना तक बता रहा था कि किस फैशन शो- पेरिस या मिलान- में यह लॉन्च हुई।
संक्षेप में कहें तो 20 से 50 साल की उम्र के लिए 2022 का फैशन है, लैगिंग के ऊपर पहने जाने वाली मिनी स्कर्ट, धारियों वाला टॉप, पुराने विलेन अजीत जैसे सारे वाइट कपड़े, पारदर्शी ड्रेसेस, फूल के प्रिंट वाले चुस्त कपड़े और बूटकट जींस। मुझे बताएं कि हमने ये सब कब नहीं पहना? हम दशकों से ऐसा कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर ड्रेस कभी न कभी हमारी जिंदगी में रहीं।
मतलब फैशन एक घड़ी की तरह है, एक अंतराल के बाद यह वापस आता है। पर उस पार्टी में एक विरोधाभास भी था। वहां कुछ क्लासी पुरुष-महिलाएं थीं। पुरुषों के चमकते जूते, चमकदार पर काले कोट और उनके बाल सफेद थे। जबकि महिलाओं के पास चमचमाते लेकिन सर्दियों के गर्म बूट, बहुत महंगे शॉल थे, जब त्वचा पर वह स्पर्श होते, तो आपको एक सिल्की सा अहसास होता।
मुझे ऐसा लगा जैसे उन्होंने गले में शॉल लपेटने का अभ्यास किया हो और इसके बाद भी उनका सफेद सुंदर मोती का हार दिखता रहे। उन सभी ने स्टाइल का प्रदर्शन बहुत शालीनता से किया फिर चाहे साड़ी की प्लीट्स क्यों ना हों और उनके बिना रंगे भूरे बालों ने क्लासी लुक दिया। उनकी परफ्यूम की तो क्या ही बात थी। मैंने महसूस किया कि वे लोग सीधे अंतरात्मा से और ड्रेसिंग का आनंद लेने के लिए तैयार हुए हैं। और दूसरे वे लोग थे, जिनके लिए यह कभी मायने नहीं रखता कि उन्होंने क्या पहना है, उनकी मुस्कान ही उन पर सबसे अच्छी लगती है।
वे थे 7 या 8 साल से कम उम्र के बच्चे। कोई भी फैशन मैगजीन या ट्रेंड या फैशन एडिटर उन्हें वैसे कपड़े पहनने के लिए फुसला नहीं सकता, जैसे कि किसी शोकेस में रखे खिलौनों को पहनाते हैं। व्यक्तिगत तौर पर मेरे लिए ड्रेस बहुत व्यावहारिक व टॉयलेट जाने में सुविधाजनक होनी चाहिए। ये बात ना भूलें कि टॉयलेट जाना स्वाभाविक है और एक अंतराल से जाना पड़ता है और दुर्भाग्य से भारत में टॉयलेट साफ-सूखे रखने की परंपरा फैशन में नहीं है।
अगर आप मुझ जैसे व्यावहारिक हैं, तो जो चाहें पहनकर किसी भी पार्टी में जा सकते हैं। पर मैं सलाह दूंगा कि अपने वार्डरोब में बहुत अच्छा परफ्यूम रखें और साझा करने के लिए कुछ छोटे लेकिन दिलचस्प किस्से या कहानियां हो। यह आपको किसी भी पार्टी में आकर्षण का केंद्र बनाते हैं। फंडा यह है कि ऐसा फैशन अपनाएं जिसमें आपके अपने नियम हों- जो आरामदायक हो, रंगीन हो, थोड़ा एटीट्यूड दिखाने वाला हो पर टॉयलेट जाने में सुविधाजनक हो!
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