जनरल बिपिन रावत और सेना के वीर जवान: यह बहादुरी हमेशा दिलों में जिंदा रहेगी

जनरल बिपिन रावत और सेना के वीर जवान

Update: 2021-12-10 10:39 GMT
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत एक हेलिकॉप्टर हादसे में शहीद हो गए। उनके असामयिक निधन से देश को अपूरणीय क्षति हुई है। भारत माता के सच्चे सपूत जनरल बिपिन रावत सेना के आधुनिकीकरण के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। भारत की आजादी के 70 साल बाद देश को जनरल बिपिन रावत के रूप में पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ मिला था। जनरल बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में क्रैश हो गया। इस दर्दनाक हादसे में बिपिन रावत के अलावा पत्नी मधुलिका रावत और 12 अन्य लोगों की भी मौत हो गई।
जनरल बिपिन रावत को पूरा देश नम आखों से याद कर रहा है। भारतीय सेना ने जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि देते हुए बेहद भावुक ट्वीट किया है।
सेना ने अपने ट्वीट में कहा है-
#शतशतनमन "दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फत, मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए-वफा आएगी।
जनरल बिपिन रावत एक ऐसे आर्मी ऑफिसर थे जो बिना लाग लपेट अपनी बात कहते थे। बिपिन रावत थल सेना, एयरफोर्स और नौसेना के बीच बेहतर तालमेल और तीनों सेनाओं के अपग्रेडशन के कार्य में लगे थे। सेना में बदलाव लाने के लिए मशहूर जनरल बिपिन रावत को सेनाओं का पुनर्गठन कर 'थिएटर कमांड' बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी। बिपिन रावत चार नए थिएटर कमांड बनाने पर काम कर रहे थे। भारत मां के लाल बिपिन रावत जिस थिएटर कमांड पर काम कर रहे थे वो चीन और पाकिस्तान से आने वाले खतरों से निपटने में अहम भूमिका निभाएगा।
जनरल बिपिन रावत चीन और पाकिस्तान को लेकर सख्त थे। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान के मुकाबले चीन भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा है। वह चीन को जनरल भारत का दुश्मन नंबर 1 बताते थे और कहते थे कि पाकिस्तान दुष्ट राष्ट्र है। बिपिन चीन और पाकिस्तान पर खुलकर बात करते थे। उनके सबसे बड़ा खतरे वाले बयान से चीन बौखला गया था और इसके उकसावे वाला बताया था। बिपिन रावत दुश्मन देशों के खिलाफ सख्त फैसले लेने के लिए जाने जाते थे। जब बिपिन रावत भारतीय सेना के प्रमुख थे, तो उन्होंने पीओके को लेकर पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया था।
उन्होंने कहा था-
जब हम जम्मू-कश्मीर की बात करते हैं, तो इसमें पीओके और गिलगिट बाल्टिस्तान क्षेत्र भी शामिल होते हैं। पीओके पर हमारे पड़ोसियों ने अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है। उन्होंने कहा था पीओके आतंकियों के नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान आगे छद्म युद्ध' जारी रखेगा। जनरल बिपिन रावत भारत माता के सच्चे सपूत थे।
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के निधन पर पूरा देश रो रहा है। बिपिन रावत पर चिंतन जैन की कविता बिल्कुल फिट बैठती है।
भारत मां के लाल तूने फ़र्ज़ अपना अदा किया
जान हथेली पर लेकर दुश्मन का चीर सीना दिया।
देश को ये कर्ज़ देकर गहरी नींद सो गए
फिर से वीर भारत माँ के शहीद हो गए।
बलिदान तुम्हारा ये देश कभी न भूल पायेगा
याद करेगा तुमको और वंदे मातरम् गायेगा।
देश में तुम एक नई ऊर्जा का बीज बो गए
फिर से वीर भारत माँ के शहीद हो गए।
आंखे अभी भी दरवाजे पर राह तक रही होगी
वो माँ बेटे की प्रतीक्षा में राते जग रही होगी
उस माँ को अब ये कौन जाकर समझायेगा
तू सो जा माँ तेरा लाल लौट कर नही आएगा।
एक नया इतिहास लिखकर सन्नाटे में खो गए
फिर से वीर भारत मां के शहीद हो गए।
63 साल के जनरल बिपिन रावत ने अपने करियर में कई उपलब्धियां हासिल की। जनरल बिपिन रावत के पिता लक्ष्मण सिंह रावत भी सेना में थे। लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत साल 1988 में वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ़ के पद से रिटायर हुए थे। जनरल बिपिन रावत भारतीय सेना में 42 साल रहे हैं। बिपिन रावत ने युद्ध भी लड़े और शांति अभियानों में भी शामिल रहे।
भारत ने पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक किया था तब बिपिन रावत ही भारतीय सेना के प्रमुख थे। साल 2015 में बिपिन रावत की देखरेख में ही भारतीय सेना म्यांमार में घुसकर आतंकियों के ठिकानों को तबाह किया था। उन्होंने भारतीय सेना में रहते हुए कई उत्कृष्ट कार्य किए जिससे देश का सिर गर्व से ऊंचा हुआ है।
हरिवंशराय बच्चन की 'अग्निपथ' ये पक्तियां भारत माता के सपूत जनरल बिपिन रावत जैसे वीर सैनिकों के लिए लिखी गई हैं।
तू न थकेगा कभी...
तू न रुकेगा कभी...
तू न मुड़ेगा कभी...
कर शपथ.. कर शपथ...
अग्निपथ... अग्निपथ... अग्निपथ...।
जनरल बिपिन रावत और मधुलिका ने अपनी दो बेटियों को बिलखता छोड़ गए हैं जिनके सिर से एक साथ माता-पिता का साया छिन गया है। बिपिन रावत और मधुलिका की एक बेटी का नाम कृतिका और दूसरी बेटी का नाम तारिणी है। कृतिका की शादी हो गई है और वह अपने पति के साथ मुंबई में रहती हैं। छोटी तारिणी दिल्ली हाईकोर्ट में वकील के तौर पर प्रैक्टिस कर रही हैं। देश के लिए मर मिटने वाले जनरल बिपिन रावत की बहादुरी हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेगी।
 अमर उजाला 
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