डेल्टा प्लस से खतरा
भारत में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा दरवाजे खटखटाने लगा है। यह न केवल सजगता, बल्कि संकट से उबरने के लिए ज्यादा ईमानदार कदम उठाने का समय है।
भारत में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा दरवाजे खटखटाने लगा है। यह न केवल सजगता, बल्कि संकट से उबरने के लिए ज्यादा ईमानदार कदम उठाने का समय है। शुरुआती आंकड़े बताते हैं कि कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के देश में अब तक 40 मामले मिल चुके हैं। महाराष्ट्र में चिंता सर्वाधिक है। महाराष्ट्र में कोविड कार्यबल का कहना है कि अभी इसे लेकर चिंता करने के लिए पर्याप्त आंकड़े नहीं मिल पाए हैं। यह चिंता वाली बात है। अव्वल तो कोरोना के किसी भी मामले को गणना से वंचित नहीं रहने देना चाहिए और शुरुआती रूप से बहुत खतरनाक बताए जा रहे डेल्टा प्लस के मामलों के प्रति तो और सजग रहने की जरूरत है। एक-एक मामला दर्ज होना चाहिए, ताकि उसकी निगरानी व इलाज में सुविधा हो। इस वेरिएंट को फैलने से रोकने के लिए यह जरूरी है कि रोगी को फौरन क्वारंटीन किया जाए, ताकि उसके इलाज और उस पर होने वाले चिकित्सकीय शोध से सुनिश्चित लाभ मिले और इस वेरिएंट को फैलने से रोका जा सके।