भ्रष्टाचार और सवाल

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और उनके कुछ करीबियों के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी से राजनीति और गरमा गई है। जैन को धनशोधन के पुराने मामले में ईडी ने तीस मई को गिरफ्तार किया था।

Update: 2022-06-09 05:07 GMT

Written by जनसत्ता: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और उनके कुछ करीबियों के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी से राजनीति और गरमा गई है। जैन को धनशोधन के पुराने मामले में ईडी ने तीस मई को गिरफ्तार किया था। तब से वे उसकी हिरासत में हैं। जैसा कि ईडी ने दावा किया कि जैन से चल रही पूछताछ में जो जानकारियां मिलीं, उसके आधार पर सोमवार को छापे की कार्रवाई की गई।

इन छापों में कुल दो करोड़ पिच्यासी लाख रुपए बरामद हुए और सोने के एक सौ तेंतीस सिक्के भी मिले। हालांकि जैन के घर पर सुबह से देर रात तक चली कार्रवाई में सिर्फ दो लाख उनयासी हजार रुपए ही मिलने की बात है। पर एक मंत्री के घर अगर छापा पड़ता है और कुछ भी मिलता है तो इससे जनता में एक नकारात्मक संदेश तो जाता ही है, भले सच्चाई कुछ भी क्यों न हो।

इससे पहले इसी साल अप्रैल में ईडी ने जैन के परिवार और उनकी कंपनियों से जुड़ी चार करोड़ इक्यासी लाख की संपत्तियां जब्त की थीं। स्वास्थ्य मंत्री पर आरोप है कि उनके परिवार से जुड़ी कंपनियों में कोलकाता की कुछ मुखौटा कंपनियों से सोलह करोड़ से ज्यादा रुपए आए थे। दिल्ली हाई कोर्ट भी इसे धनशोधन करार दे चुका है। लेकिन अभी तक ईडी यह पता नहीं लगा पाया है कि इन मुखौटा कंपनियों के पास यह पैसा कैसा कहां आया था।

सत्येंद्र जैन दिल्ली सरकार के ताकतवर मंत्री हैं। उनके पास स्वास्थ्य के अलावा गृह और पीडब्लूडी जैसे महत्त्वपूर्ण महकमे भी हैं। जाहिर है, उनकी गिरफ्तारी से भाजपा, कांग्रेस जैसे विरोधी दलों को मौका मिल गया है। जैन को मंत्री पद से हटाने के लिए इन दलों ने मुहिम चला रखी है। यह मांग इसलिए भी जोर पकड़े हुए है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार और किसी भ्रष्टाचारी को जरा भी बर्दाश्त नहीं करने की बात कहते हैं। ऐसे में जैन को सरकार में बनाए रखने पर सवाल तो उठेंगे ही।


Tags:    

Similar News

-->