बीपीएल चयन

हिमाचल प्रदेश में आईआरडीपी व अंत्योदय का चयन नए सिरे से होना चाहिए। इनका चयन ग्राम सभा के द्वारा होता है

Update: 2022-05-02 19:12 GMT

हिमाचल प्रदेश में आईआरडीपी व अंत्योदय का चयन नए सिरे से होना चाहिए। इनका चयन ग्राम सभा के द्वारा होता है। इस सभा में जिस भी व्यक्ति का दबदबा होता है, उसी का चयन हो जाता है। मेरा सरकार से सुझाव है कि अंत्योदय और आईआरडीपी का चयन करने से पहले स्थानीय बैंक व पोस्ट ऑफिस से उस पूरे परिवार का पैसे के लेनदेन का प्रमाणपत्र लेना जरूरी हो, इस परिवार का कितना पैसा बैंक और पोस्ट ऑफिस में जमा है, शादी करने के बाद लड़का 6 महीने के अंदर-अंदर अपने मां-बाप से जुदा हो जाता है और गरीबी रेखा में आ जाता है, मां-बाप के साथ या अलग से उसी घर में रहता है, मां-बाप की जमीन पर खेतीबाड़ी करता है, फसल उगाता है, क्या शादी करने के बाद व्यक्ति गरीब हो जाता है तो फिर शादी ही क्यों की जाए। हर परिवार का जब तक मां-बाप जीवित हो, एक ही राशन कार्ड होना चाहिए और एक ही खाता होना चाहिए। पहले भी तो संयुक्त परिवार में रहता था। यह खाते अलग होने की प्रक्रिया कुछ सालों से शुरू हुई है।

यह हमारे देश का दुर्भाग्य है। कई लोग जो बीपीएल में दर्ज हंै, बढिय़ा घर में रहते हैं। उनके पास अपनी बाइक होती है। कोई आदमी गाड़ी चलाता है, टैक्सी चलाता है, ट्रक चलाता है जिसकी आमदनी 10000 से लेकर 15000 तक होती है। कुछ लोग दुकानों में सेल में लगे होते हैं। उनकी आमदनी भी 8000 से लेकर 15000 तक होती है, फिर भी वे लोग बीपीएल परिवार में शामिल हैं। बच्चे इनके प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे हैं जो भारी-भरकम फीस देते हैं। प्राइवेट स्कूलों में वाहन सुविधा होती है जिसका किराया भी काफी ज्यादा होता है, तो क्या यह परिवार बीपीएल में होना चाहिए? कई लोग रोजाना शराब पीते हैं, खाना-पीना बढिय़ा है। ऐसे परिवार को अगर बीपीएल से बाहर निकाला जाएगा, तो मैं उस पंचायत को हार्दिक बधाई देता हूं। इससे उस परिवार की हालत सुधरेगी और हिमाचल प्रदेश में यदि पूरी पंचायतों में यह फार्मूला लगाया जाए तो 80 फीसदी बीपीएल परिवार बाहर हो जाएंगे।
-गायत्री पंडित, गुम्मा, मंडी


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