पश्चिम बंगाल में BJP की 'कारपेट बॉम्बिंग', इस प्लान से निकली दूसरों से आगे

चुनाव आयोग ने अभी पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की विधिवत घोषणा भी नहीं की है

Update: 2021-02-07 05:42 GMT

चुनाव आयोग ने अभी पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की विधिवत घोषणा भी नहीं की हैपर भारतीय जनता पार्टी ने अपने पुराने टेस्टेड और ट्रस्टेड फार्मूले के तहत प्रदेश में कारपेट बमबारी शुरू कर दी है. पश्चिम बंगाल समेत चार अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव अप्रैल-मई के महीने में होना है. चुनाव आयोग के पास अधिकार होता है कि वह चुनाव के निर्धारित समय से छह महीने पहले या उस अवधि में कभी भी चुनाव करवा सकता है. असम, केरल, तमिलनाडु और पुदुचेरी अन्य चार राज्य हैं जहां इस अवधि में चुनाव होना है. चूंकि पश्चिम बंगाल संवेदनशील राज्यों की श्रेणी में आता है, जहां चुनावी हिंसा का होना आम बात है. संकेत हैं कि चुनाव आयोग पश्चिम बंगाल में अन्य चार राज्यों से पहले चुनाव करवा सकता है.


चुनाव आयोग ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है. पिछले महीने के आखिरी सप्ताह में तीनों इलेक्शन कमिश्नर राज्य का दौरा कर चुनावी तैयारी का मुआयना कर चुके हैं. उम्मीद की जा रही है कि अगले हफ्ते कभी भी चुनाव तिथि की घोषणा हो सकती है. क्योंकि चुनाव करोना महामारी के मध्य होना है और पश्चिम बंगाल में आये दिन चुनावी झड़प और हिंसा की वारदातों की खबर आ रही है. उम्मीद है कि इस बार 295 सदस्यों वाली विधानसभा का चुनाव सात या आठ चरणों में कराया जाएगा. राज्य में 2016 छह चरणों में हुआ था.


बीजेपी के लिए प्रयोगशाला बना बंगाल
चुनाव जब भी हो और जितने चरण में हो, बीजेपी चुनाव तैयारी में इस तरह जुट गयी है मानो मतदान अगले 10-15 दिनों में होने वाला हो. पश्चिम बंगाल बीजेपी के लिए के प्रयोगशाला की तरह है जहां पार्टी पुराने फार्मूले पर चलते हुए कुछ नए प्रयोग करने में लगी है. जहां प्रदेश में पांच साल पहले कार्यकर्ताओं और नेताओं की भारी कमी थी, अब बीजेपी में टिकट मांगले वालों की लम्बी लाइन लग गयी है तथा कार्यकर्ताओं का अम्बार जुट गया है.

अगर बीजेपी पश्चिम बंगाल में सरकार बनाने में सफल रहती है तो पार्टी की शक्ति में काफी इजाफा हो जाएगा. पश्चिम बंगाल में चुनाव जीतने का सीधा प्रभाव पड़ोसी राज्य असम पर पड़ेगा जहां पांच साल पहले पहली बार बीजेपी की सरकार बनी थी. बीजेपी को उम्मीद है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव जीतने से केरल, तमिलनाडु और पुदुचेरी के मतदाता भी प्रभावित होंगे और बीजेपी को दक्षिण के राज्यों में बल मिलेगा. कर्नाटक को छोड़ कर दक्षिण ही देश का ऐसा एकमात्र क्षेत्र है जो अभी तक बीजेपी की पकड़ से बाहर है. हाल ही में हुये स्थानीय निकाय चुनावों के द्वारा बीजेपी ने तेलंगाना और केरल में अपनी जगह बनाने की शुरुआत कर दी है. पार्टी को उम्मीद है कि पश्चिम बंगाल में विजय से दक्षिण के राज्यों में पार्टी के लिए दरवाज़ा खुल जाएगा.

बीजेपी पलड़ा भारी!
कारपेट बॉम्बिंग बीजेपी के पुराने फॉर्मूले में से एक है जो वाजपेयी-आडवाणी के समय से चला आ रहा है. वायुसेना में कारपेट बॉम्बिंग मतलब होता है एक के बाद एक लड़ाकू विमान का आना और लगातार बम गिरा कर दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करना. ठीक उसी तरह बीजेपी भी एक के बाद एक अपने सबसे शक्तिशाली और प्रभावी नेताओं को चुनावी रन में प्रचार के लिए उतरने में लग गयी है ताकि इस तरह का माहौल तैयार हो जाए कि विरोधी पार्टी को भी लगने लगे की बीजेपी का चुनाव में पलड़ा भारी होता जा रहा है.

चुनाव कई बार परसेप्शन यानि अनुभूति के आधार पर भी जीता जाता है. वह वोटर जो किसी पार्टी या विचारधारा से नहीं जुड़े होते हैं, वह अक्सर जीतने की संभावना वाली पार्टी के लिए वोट करते हैं ताकि उनका प्रतिनिधि सत्ताधारी दल से हो और उनकी समस्याओं को निदान कर सके. बीजेपी पश्चिम बंगाल में कुछ ऐसा ही माहौल बनाने के प्रयास में जुटी हुई हैं.

दौरे पर बीजेपी के दिग्गज नेता
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा बारी-बारी से पश्चिम बंगाल का दौरा कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी अभी हाल ही में एक सरकारी दौरे पर कोलकाता गए थे और एक बार फिर से वह एक और सरकारी दौरे पर पश्चिम बंगाल जाने वाले हैं. बीजेपी के स्टार प्रचारक के रूप में मोदी का पश्चिम बंगाल में दौरे की शुरुआत चुनावी घोषणा के बाद होने की सम्भावना है.

दूसरे दलों के लगभग दर्ज़न भर मौजूदा विधायक, जिसमें सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के विधायक सबसे ज्यादा हैं, बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. जिससे बीजेपी के पक्ष में माहौल बनता दिखने लगा है. शनिवार को बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ने एक रथयात्रा की शुरुआत की. रथ यात्रा करना भी बीजेपी का ट्राइड और टेस्टेड फ़ॉर्मूले का हिस्सा है जहां राजनीति, देशभक्ति और धर्म का कॉकटेल बना कर मतदाताओं पर प्रभाव डालने और राजनितिक विरोधियों को डराने का काम किया जाता है. बीजेपी ने राज्य में कुल तीन रथ यात्राओंकी घोषणा की है, ताकि पूरे राज्य को चुनाव की घोषणा होते होते कवर कर लिया जाए.

फ्रंट फुट पर बीजेपी
सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस बीजेपी के शक्ति प्रदर्शन से परेशान दिख रही है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कई नजदीकी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं और वह अकेली बीजेपी पर पलटवार करने की कोशिश कर रही हैं. बाकी अन्य दलों में अभी चुनाव से सम्बंधित कोई भी खास तैयारी नहीं दिख रही है, मानो चुनाव से पहले ही वाममोर्चा और कांग्रेस पार्टी ने पराजय स्वीकार कर ली हो. चुनाव का नतीजा जो भी रहे, इतना तो तय है कि पश्चिम बंगाल में चुनावी गर्मी दिनों दिन बढ़ती जा रही है. बीजेपी अभी से फ्रंट फुट पर आ गयी है और तृणमूल को बैक फुट पर धकेल दिया है. जो बीजेपी की एडवांस प्लानिंग का नतीजा है.


Tags:    

Similar News

मुक्ति
-->