संक्रमण से सावधान: सार्वजनिक स्थानों पर न बढ़े भीड़, गाइडलाइंस का सख्ती से हो पालन, केंद्र ने राज्यों को दी चेतावनी

केंद्रीय गृह सचिव ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कोरोना प्रोटोकाल का पालन कराने के जो निर्देश दिए,

Update: 2021-06-20 03:31 GMT

भूपेंद्र सिंह| केंद्रीय गृह सचिव ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कोरोना प्रोटोकाल का पालन कराने के जो निर्देश दिए, उन पर गंभीरता से ध्यान देने की सख्त जरूरत है, क्योंकि जैसे-जैसे लाकडाउन में ढील दी जा रही है, वैसे-वैसे सार्वजनिक स्थानों में भीड़ बढ़ती दिख रही है। चिंताजनक यह है कि यह भीड़ न तो शारीरिक दूरी के पालन के प्रति सचेत दिखती है और न ही संक्रमण से बचे रहने के अन्य उपायों को अपनाने के प्रति। यह हैरान करता है कि सार्वजनिक स्थलों में बहुत से लोग ऐसे दिखते हैं, जो मास्क भी नहीं लगाए होते। यदि लगाए भी होते हैं तो गलत तरीके से। इसमें संदेह है कि ऐसे लोग अपनी सेहत के प्रति जरूरी सजगता बरतते होंगे। आवश्यक केवल यह नहीं है कि राज्य सरकारें और उनका प्रशासन लोगों को उन तौर-तरीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करे, जो कोरोना संक्रमण से बचे रहने में सहायक हैं, बल्कि यह भी है कि ऐसे उपाय करें, जिससे लोग कोरोना प्रोटोकाल का उल्लंघन करने से हिचकें। सार्वजनिक स्थलों पर शारीरिक दूरी का परिचय देने और सही तरह मास्क लगाने के लिए केवल टोका-टोकी ही नहीं होनी चाहिए, बल्कि ऐसी व्यवस्था भी की जानी चाहिए, जिससे किसी एक जगह ज्यादा लोग न एकत्रित होने पाएं। बतौर उदाहरण सब्जी-फल मंडियों, साप्ताहिक बाजारों और ऐसे ही अन्य भीड़ वाले स्थलों में दुकानें पास-पास नहीं लगने देनी चाहिए। इसी तरह भीड़ वाले स्थानों में एक सीमा से अधिक लोगों को जाने से रोकने की भी कोई व्यवस्था बनानी चाहिए।

केवल सरकारी आदेश-निर्देश से वे लोग चेतने वाले नहीं, जो संक्रमण से बचने के लिए सावधानी का परिचय आदतन नहीं देते। केंद्रीय गृह सचिव ने राज्यों को यह भी निर्देश दिया है कि ज्यादा से ज्यादा कोरोना टेस्ट करने की भी जरूरत है। उचित यह होगा कि अलग-अलग स्थानों पर जाकर औचक टेस्ट किए जाएं, क्योंकि कई बार लोग तब तक स्वेच्छा से टेस्ट नहीं कराते, जब तक किसी समस्या से दो-चार नहीं होते। यह ठीक है कि ज्यादातर राज्यों में संक्रमण के मामले घट रहे हैं, लेकिन इसके आधार पर इस नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता कि महामारी से मुक्ति मिलने जा रही है। अभी इसके आसार नहीं हैं। आसार तो इसके हैं कि सितंबर-अक्टूबर में संक्रमण की तीसरी लहर आ सकती है। हालांकि सभी राज्य सरकारें तीसरी लहर से निपटने की तैयारी कर रही हैं, लेकिन यह तैयारी सचमुच होनी चाहिए। बेहतर होगा कि इसकी परख लगातार की जाती रहे कि तीसरी लहर का मुकाबला करने के लिए पर्याप्त प्रबंध किए जा रहे हैं या नहीं? इसके साथ ही टीकाकरण अभियान में सचमुच तेजी भी लाई जानी चाहिए।


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