किसानों का आधारहीन विरोध: नए कृषि कानूनों के खिलाफ उठाए गए मुद्दे निराधार और तथ्यों के विपरीत हैं
कृषि कानूनों को लेकर उपजीं मिथ्या धारणाओं को ध्वस्त करने का काम किया।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में एक समारोह को संबोधित करते हुए एक बार फिर नए कृषि कानूनों को लेकर उपजीं मिथ्या धारणाओं को ध्वस्त करने का काम किया। संसद से नए कृषि कानूनों को मंजूरी मिलने के बाद से प्रधानमंत्री के साथ-साथ अन्य अनेक केंद्रीय मंत्री लगातार यह कहते चले आ रहे हैं कि नए प्रावधानों के खिलाफ जो भी मुद्दे उठाए जा रहे हैं वे निराधार और तथ्यों के विपरीत हैं। इसके बावजूद कई राजनीतिक एवं गैर-राजनीतिक संगठन किसानों कोे बरगलाने के अपने अभियान में जुटे हैं। इसी अभियान के तहत पहले पंजाब के किसानों को सड़कों और रेल पटरियों पर उतारा गया और अब उन्हें दिल्ली ले आया गया है। यदि नए कृषि कानूनों के विरोध में सड़कों पर उतरे किसान संगठन केंद्रीय मंत्रियों के साथ-साथ प्रधानमंत्री की बातों को सुनने-समझने के लिए तैयार नहीं तो इसका सीधा मतलब है कि वे वस्तुस्थिति को जानबूझकर स्वीकार नहीं करना चाहते।