भारत के आर्थिक महाशक्ति बनने में बाधाएं

वर्ष 1951-52 में जब पंचवर्षीय योजना को हरी झंडी दी गई थी

Update: 2022-08-16 18:53 GMT
By: divyahimachal
वर्ष 1951-52 में जब पंचवर्षीय योजना को हरी झंडी दी गई थी, तब इस पर विनोबा भावे न कहा था कि सरकार की सभी राष्ट्रीय योजनाओं का मकसद रोजगार बढ़ाना भी होना चाहिए। दृढ़ इच्छाशक्ति से नामुमकिन को मुमकिन बनाया जा सकता है। अब मोदी सरकार को देश में आर्थिक भ्रष्टाचार रोकने के लिए इस तरह से फैसले लेने चाहिए कि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे। देश आर्थिक महाशक्ति आंकड़ों या सर्वेक्षण से नहीं बनने वाला, बल्कि आर्थिक भ्रष्टाचार की जड़ पर प्रहार करके, उद्योग धंधों और कृषि के विकास की तरफ ध्यान देने से बन सकता है।
जब तक देश का हरेक नागरिक अपने अंदर देशभक्ति की भावना भरते हुए निस्वार्थ भाव से देश की आर्थिक व्यवस्था में अपना योगदान देने की पहल नहीं करता, तब तक देश आर्थिक महाशक्ति नहीं बन सकता है। -राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा

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