मनमानी के विरुद्ध
इस घटना के बाद मुंबई पुलिस ने ट्वीट किया कि अब पार्टी सुबह छह बजे तक नहीं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कुछ लोगों को इस बात का गुमान होता है कि वे अगर नियम-कायदों की धज्जियां भी उड़ा दें, तो उनकी सामाजिक हैसियत को देखते हुए पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी। शायद यही गुमान रहा होगा क्रिकेट खिलाड़ी सुरेश रैना, फिल्म अभिनेत्री सुजैन खान और उनके साथी नामचीन हस्तियों को। मगर मुंबई पुलिस ने उनकी इस धारणा को तोड़ कर यह संदेश दिया कि कानून सबके लिए बराबर है।
कोविड संक्रमण के खतरों को देखते हुए महाराष्ट्र के कई शहरों में रात का कर्फ्यू लगाया गया है। मगर सुरेश रैना सहित कुछ नामचीन लोग उसकी परवाह न करते हुए देर रात तक मुंबई हवाई अड्डे के पास के एक क्लब में जश्न मनाते रहे। पुलिस ने क्लब के सात कर्मचारियों समेत जश्न मना रहे सभी चौंतीस लोगों को गिरफ्तार कर लिया। महिलाओं को नोटिस थमा कर घर भेज दिया गया, पर पुरुषों को गिरफ्तार किया गया। बाद में उन्हें जमानत पर रिहा किया गया।
इस घटना के बाद मुंबई पुलिस ने ट्वीट किया कि अब पार्टी सुबह छह बजे तक नहीं चलेगी। यह एक तरह से पुलिस का सख्त संदेश है कि चाहे कोई कितनी भी बड़ी हैसियत का शख्स हो, अगर कोविड नियमों का उल्लंघन करेगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी।
दरअसल, हमारे समाज में एक धारणा-सी बन गई है कि रसूख वाले लोगों के खिलाफ पुलिस नरमी का व्यवहार करती है। उनकी गलतियों को नजरअंदाज कर देती है, जब तक कि मामला बहुत गंभीर रुख न ले ले। इस धारणा को निराधार नहीं कहा जा सकता। आम नागरिक भी इसकी आड़ में या फिर उनसे नजीर लेकर नियम-कायदों का उल्लंघन करना अपनी शान समझने लगते हैं। शादियों और अन्य उत्सवों में देर रात को तेज आवाज में गीत-संगीत चलाने की मनाही के बावजूद बहुत सारे लोग उसका पालन नहीं करते।
होली-दिवाली आदि के मौकों पर प्रदूषण के मद्देनजर पटाखे न फोड़ने की बार-बार अपील के बावजूद लोग बाज नहीं आते। देर रात तक पटाखे चलाते रहते हैं। हालांकि ऐसे मामलों में पुलिस कई लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई इसलिए नहीं करती कि वह किसी की खुशी में खलल नहीं डालना चाहती, चेतावनी देकर उन्हें छोड़ देती है। मगर कोरोना संक्रमण के मामले में किसी भी तरह की रियायत नहीं बरती जा सकती। यह संदेश बहुत सख्त लहजे में महाराष्ट्र पुलिस ने दिया है।
कोरोना संक्रमण के खतरे अभी टले नहीं हैं। हर रोज बीस हजार के असपास मामले दर्ज हो रहे हैं। करीब तीन सौ लोग इस संक्रमण की वजह से अपनी जान गंवा दे रहे हैं। ब्रिटेन में कोरोना का नया रूप विकसित होने के बाद अब चिंता कुछ और बढ़ गई है। हाल-फिलहाल वहां से भारत आए लोगों में से करीब इक्कीस को संक्रमित पाया गया है। पिछले साल भी क्रिसमस के समय ही उचित सतर्कता न बरते जाने की वजह से दुनिया के अनेक देशों से आने वालों ने यहां कोरोना का संक्रमण फैलाया था। सरकारें उस अनुभव को दोहराना नहीं चाहतीं, तो इसमें निस्संदेह लोगों का सहयोग अपेक्षित है।
कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के मामले में महाराष्ट्र सबसे अधिक संवेदनशील राज्य माना जा रहा है। इसीलिए वहां रात का कर्फ्यू लगाना पड़ा है। दूसरे राज्य भी इस खतरे से परे नहीं हैं। इसीलिए बार-बार अपील की जा रही है कि कोविड नियमों का सख्ती से पालन करें और जब तक इसकी दवाई नहीं आ जाती, तब तक किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरतें। मगर इस अपील को जो लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, उनके खिलाफ पुलिस को सख्ती बरतनी ही चाहिए।