मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने खाद्य एवं पेय पदार्थों में हो रही मिलावट पर गहरी नाराजगी प्रकट की है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों के अधिकारियों से कहा है कि वे अभियान चला कर मिलावट को रोकें।
इस भयंकर समस्या की ओर गया किन्तु यह दावे के साथ यह सन्तोष का विषय है कि मुख्यमंत्री का ध्यान इस भयंकर समस्या की ओर गया किन्तु यह दावे के साथ नहीं कहा जा सकता कि उनके निर्देश का ईमानदारी से पालन होगा। इसका कारण यह है कि जिन अधिकारियों के हाथों में मिलावट रुकवाने या शुद्ध खाद्य व पेय पदार्थ बिकवाने की जिम्मेदारी हैं वे ही रिश्वत लेकर मिलावट कराते हैं। महानगरों से ले कर गाँव-गाँव तक यह महामारी फैली हुई है। शुद्ध वस्तु का मिलता दुर्लभ हो चुका है। यहां तक कि प्राणदायक औषधियों तक में मिलावट तथा नक़ल चल पड़ी है। अत: मुख्यमंत्री जी को सिर्फ निर्देश भर देता ही काफी नहीं। यह देखना अति आवश्यक है कि उनके आदेश का पालन हो रहा है या हुक्म-उदूली हो रही है।
गोविन्द वर्मा