ना लड़का, ना लड़की

Update: 2022-06-10 12:54 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : इंटरसेक्स लोगों के यौनिक जननांग जन्म के समय से ही अस्पष्ट होते हैंI'लिंग; के विपरीत 'सेक्स' एक जैविक शब्द है जिसकी अलग-अलग सांस्कृतिक परिभाषाएं हो सकती हैंI इसीलिए 'इंटरसेक्स' उन लोगों को संदर्भित करता है जो अस्पष्ट यौनिक अंगों के साथ पैदा होते हैं। आमतौर पर, पुरुषों में एक्स और व्हाई(XY) गुणसूत्र होते हैं और महिलाओं में एक्सएक्स (XX) गुणसूत्र होते हैंI लेकिन भ्रूण के विकास के दौरान इस सांचे में बदलाव हो सकते हैं जिसके परिणामस्वरूप बच्चे का जन्म ऐसे जननांग/लक्षणों के साथ हो सकता है जिन्हे पूर्ण रूप से पुरुष या महिला नहीं कहा जा सकताI

यह किन्नरों से अलग होते हैं I किन्नर व्यक्ति शारीरिक रूप से पुरुष या महिला की तरह ही होता है लेकिन उनकी मानसिकता उसके विपरीत होती हैI
इंटरसेक्स मतलब विभिन्न और अलग-अलग स्थितियां
सभी इंटरसेक्स एक सामान नहीं होतेI हो सकता है कि किसी लड़के का जन्म बिना अंडकोष के हुआ हो या किसी लड़की के अंदर जन्म से ही भगशेफ या अंडाशय का अभाव होI "इंटरसेक्स" एक विस्तृत श्रेणी है और कई चिकित्सकीय जटिल परिस्थितियां इसका हिस्सा हैंI उदाहरण के तौर पर अलग-अलग अधोमूत्रमार्गता (जैसे मूत्र-छिद्र का लिंग के अंत के बजाय उनके अंदर होना), एफ़लिया/पेनाइल एजेनेसिस (शिश्न के बिना पैदा हुआ व्यक्ति), एन्ड्रोजन असंवेदनशीलता परिलक्षण (एआईएस) (योनि के के साथ लेकिन ग्रीवा के बिना पैदा हुआ व्यक्ति)आदि।
इंटरसेक्स लोगों को एक लिंग निर्दिष्ट किया जा सकता है या एक निश्चित लिंग उनकी पहचान बन सकता है
बचपन में चिकित्सकों के साथ हुए कई मेडिकल परीक्षणों और परामर्श के परिणामों के आधार पर इंटरसेक्स लोगों को बताया जा सकता है कि वे पुरुष हैं या महिलाI उदाहरण के तौर पर एआईएस से प्रभावित अधिकाँश लोगों को उनका लिंग महिला ही बताया जाता है और वो बड़े भी इसी समझ और भावना के साथ होते हैंI हालांकि ये निदेश हमेशा बाध्य नहीं होते क्योंकि बच्चे परिपक्व होने के बाद किसी और लैंगिक विकल्प के बारे में और जानने के बाद उसके साथ भी अपनी पहचान बना सकते हैंI
दोषनिवारक सर्जरी हमेशा अनिवार्य नहीं होती
जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, अनूठी संरचनात्मक विशिष्टताओं के बावजूद इंटरसेक्स लोगों का पालन-पोषण एक लड़का या लड़की की तरह किया जा सकता हैI यह ज़रूरी नहीं कि एक स्थिर लैंगिक पहचान पाने के लिए अण्डाकर्ष, प्रत्यारोपण, शल्य-चिकित्सा आदि हमेशा आवश्यक होIजाहिर है, जान का जोखिम होने के मामले में शल्य चिकित्सा अनिवार्य है, जैसे कि मूत्र-छिद्र के बिना पैदा होने वाले लोगों के मामले में। लेकिन जोखिम भरी स्थिति ना होने के बावजूद, माता-पिता की सहमति के बिना, और पर्याप्त विशेषज्ञता या चिकित्सा जागरूकता के अभाव में एक नाबालिग पर की गयी शल्य चिकित्सा से रोगी को जीवन भर के लिए शारीरिक दर्द और मानसिक कष्ट हो सकता है और इससे उसकी यौन उत्तेजना और प्रजनन क्षमता में भी भारी कमी हो सकती हैI
यह सामान्य है
इसकी आवृत्ति के बारे में बात करें तो विभिन्न अध्ययनों ने अलग-अलग आंकड़े प्रस्तुत करे हैंI गंभीर मामलों को हटा दें तो, आमतौर पर इंटरसेक्स लोगों का शारीरिक (गैर-यौनिक) और संज्ञात्मक विकास बाकियों की तरह ही होता हैI अध्ययनों ने दर्शाया है कि आप इंटरसेक्स हों या ना हों, आपका मस्तिष्क कामुक रूप से तटस्थ रहता है- यह ना तो पुरुष है और ना ही महिलाIमतलब यह कि कम से कम इसे आप एक संज्ञानात्मक दोष तो नहीं कह सकतेI इंटरसेक्स के बारे में हमारी मानसिकता बेहद सीमित है और इसी वजह से इसे हमारे समाज में इसे एक कलंक की तरह देखा जाता है और ऐसे व्यक्ति के विकास और स्वस्थ जीवन में यही सबसे बड़ी बाधा हैI ऐसे कई संगठन हैं जो इस बारे में और अधिक जागरूकता फैलाने और इन लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने में कार्यरत हैंI

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