गजब का अविष्कार: कम्प्यूटर साइंस टीचर ने बनाया 47 भाषाएं बोलने वाली ह्यूमन रोबोट...
IIT बॉम्बे में केंद्रीय विद्यालय के एक कंप्यूटर साइंस के टीचर दिनेश पटेल ने शालू नाम का एक मानवीय रोबोट विकसित किया है
जनता से रिश्ता वेबडेसक | IIT बॉम्बे में केंद्रीय विद्यालय (Kendriya Vidyalaya) के एक कंप्यूटर साइंस के टीचर दिनेश पटेल ने शालू (Shalu) नाम का एक मानवीय रोबोट विकसित किया है जो 9 लोकल लैंग्वेज और 38 विदेशी लैंग्वेज बोलती है. रोबोट शालू 9 भारतीय भाषाएं बोलती हैं, जिनमें अंग्रेजी, हिंदी, भोजपुरी, मराठी, बंगला, गुजराती, तमिल, तेलुगु और मलयालम शामिल है. यह रोबोट न केवल एक महिला जैसी दिखती है, बल्कि महिला की तरह बोलती भी है. बॉलीवुड फिल्म 'रोबोट' से इंस्पायर्ड होकर पटेल ने शालू को बनाया. जो हांगकांग के हैंसन रोबोटिक्स (Hanson Robotics) द्वारा विकसित रोबोट सोफिया (Sophia) के समान है. शालू इंसानों की तरह कई इशारे कर सकती हैं जैसे कि हाथ मिलाना, मुस्कुराना और गुस्से की भावनाओं को प्रदर्शित करना आदि.
पटेल ने बताया कि शालू को "प्लास्टिक, कार्डबोर्ड, लकड़ी, एल्यूमीनियम आदि वेस्ट मटेरियल का इस्तेमाल कर बनाया गया है. इसे बनाने में तीन साल लग गए और लगभग 50 हजार रुपये खर्च हुए. उन्होंने कहा कि यह एक प्रोटोटाइप है और यह किसी को भी पहचान सकती है, चीजों को याद कर सकती है, सामान्य ज्ञान, गणित आदि से संबंधित सवालों के जवाब दे सकती है. शालू लोगों का अभिवादन कर सकती है, भावनाओं को प्रदर्शित कर सकती है, अखबार पढ़ सकती है, रेसिपी याद कर सकती है, और कई अन्य गतिविधियां कर सकती है. यह भी पढ़ें: Punjabi Speaking Robot: ये है दुनिया की पहली पगड़ी वाली रोबोट, समझ और बोल सकती है पंजाबी, देखें तस्वीरें
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इसका उपयोग स्कूलों में शिक्षक के रूप में और कार्यालयों में रिसेप्शनिस्ट के रूप में भी किया जा सकता है. पटेल ने कहा कि अब तक वे प्लास्टर ऑफ पेरिस का इस्तेमाल कर चुके हैं लेकिन मास्क की मदद से रोबोट को सुशोभित कर सकते हैं. उनका मानना है कि दफ्तर के काम और दैनिक घरेलू कामों के लिए शालू एक आदर्श साथी हो सकती है.