जरा हटके: आज के समय में ज्यादातर लोग ट्रेवल करने के लिए हवाई मार्ग का चुनाव करते हैं. इसके जरिये जहां आसानी से और जल्दी इंसान अपनी मंजिल तक पहुंच जाता है, वहीं थकान भी काफी कम होती है. दूर तक के मार्ग के लिए लोग इस साधन को चुनते हैं. लेकिन प्लेन में ट्रेवल करने के लिए कई तरह के सिक्युरिटी नॉर्म्स को पूरा करना पड़ता है. कई बार आपको चेकिंग से गुजरना पड़ता है और कई तरह के गाइडलाइन्स का पालन करना पड़ता है.
प्लेन से यात्रा करने के लिए कई तरह के नियम बनाए गए हैं. यात्रियों को एक स्पेसिफिक वजन का ही सामान कैर्री करने की इजाजत होती है. इसके अलावा ऐसे कई सामान हैं, जो आप प्लेन से नहीं ले जा सकते. इनपर बैन लगाया हुआ है. अगर किसी यात्री के पास बैन की हुई सामानों की लिस्ट में शामिल कोई चीज मिलती है तो उसे चेकिंग के दौरान ही बाहर निकाल लिया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस लिस्ट में मर्करी थर्मामीटर भी शामिल है?
जी हां, जिस थर्मामीटर का इस्तेमाल बुखार नापने के लिए किया जाता है, वो प्लेन में वर्जित है. अब आप सोच रहे होंगे कि बुखार में इस्तेमाल होने वाले थर्मामीटर को भला क्यों बैन किया गया है? दरअसल, फ्लाइट में मर्करी वाले थर्मामीटर बैन है. अगर डिजिटल थर्मामीटर आपके पास है, तो उसे आप कैर्री कर सकते हैं. लेकिन मर्करी वाले थर्मामीटर को तुरंत निकाल लिया जाता है. इसके पीछे एक बड़ी वजह है.
प्लेन में अगर किसी यात्री के पास मर्करी थर्मामीटर हो और वो टूट जाए तो अंदर तबाही आ जाएगी. दरअसल, मर्करी की एक बूंद भी प्लेन को दुर्घटनाग्रस्त करने के लिए काफी है. मर्करी का नेचर ऐसा होता है कि वो रुम टेम्परेचर पर लिक्विड रहने वाला इकलौता मेटल है. साथ ही ये अपने साथ आए किसी भी मेटल को पिघला देता है. अगर मर्करी की एक बूंद प्लेन में गिर जाए, तो एल्युमुनियम से बना प्लेन उससे रियेक्ट कर जाएगा. इसके बाद प्लेन में छेद हो जाएगा और फिर होगा एक्सीडेंट. इस वजह से ही किसी को प्लेन में मर्करी थर्मामीटर लाने की इजाजत नहीं होती.