जब विमान या हेलीकॉप्टर पर गिरती है बिजली, जानें फिर क्या होता है?
जब विमान या हेलीकॉप्टर पर गिरती है बिजली
भारत के पहले चीफ ऑफ डेफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) की हेलीकॉप्टर हादसे (Helicopter Crash) में मौत से पूरा देश स्तब्ध है. देश के सबसे उन्नत और सुरक्षित माने जाने वाले हेलीकॉप्टर की दुर्घटना ने विशेषज्ञों को भी हैरान कर दिया है. यह मानना मुश्किल हो रहा है कि इस हेलीकॉप्टर में खामी हो सकती है. वहीं इस हादसे में मौसम की भूमिका एक बड़ा सवाल है. किसी विमान या उड़ान की नष्ट करने में मौसम और प्राकृतिक बिजली (Lightning) की कितनी भूमिका हो सकती है यह भी एक सवाल है. आइए जानते हैं कि बिजली गिरने का विमान या हेलीकॉप्टर पर क्या असर होता है.
कभी-कभी नहीं होता है ऐसा
मौसम में बारिश और धुंध विमानों के लिए परेशानी पैदा करने वाले कारक माने जाते हैं. लेकिन सच यह है कि दोनों से ही निपटना आज के विमानों के लिए कोई मुश्किल काम नहीं हैं. विमानों से बिजली का टकरना बहुत बार होता है लेकिन इसके बाद भी इससे हवाई हादसे होने की घटना कम ही होती है.
विमानों की वजह से भी बनती है बिजली
आंकलन करने से पता चला है कि औसतन हर अमेरिकी व्यवसायिक विमान को साल में कम से कम एक बार बिजली गिरने की घटना का सामना करना ही होता है. वास्तव में विमान ही कई बार बिजली चमकने का कारण बनते हैं जब वे बहुत ही आवेशित बादलों वाले इलाके से गुजरते हैं. ऐसे मौकों पर बिजली की चमक विमान से ही शुरू होती है और विपरीत दिशाओं में जाती है.
क्या होता है बिजली टकराने से
बिजली जब भी किसी विमान पर गिरती है या टकराती है तो वह तीखे किनारों जैसे विमान के पंख, उसके आगे की नोक, या फिर एंटीना पर लगती है. इसके बाद विद्युत तारों से विमान की पीछे स्थित पूंछ तक जाती है. इस तरह से विमान का एक बाहरी आवरण होता है जो यात्रियों सहित पूरे विमान की इससे रक्षा करता है.
क्या हो सकता है नुकसान
बिजली का टकराव विमान के इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं को खराब कर सकता है जिसमें उड़ान भरने वाले उपकरण शामिल होते हैं. लेकिन यहीं पायलट की ट्रेनिंग काम आती है, वे सभी आधुनिक सुविधाओं के बिना भी विमान उड़ाने में सक्षम होते हैं. फिर आज के विमानों को टकराने वाली बिजली से बचाव की सुविधा भी दी जाती है.
अब इस तरह से होता है बचाव
आज के विमान बहुत से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और ईंधन टैंक को ऐसे बनाया जाता है जिससे आवेशित बिजली का प्रवाह पैदा नहीं होता और ऐसा होने से पहले ही दो अलग सुचालकों से उन्हें इनसे अगल कर दिया जाता है. व्यवसायिक विमानों में स्थैतिक निर्वहन बत्तियां लगाई जाती हैं जो आवेश जमा कर वापस हवा में छोड़ देती हैं.
कैसा महसूस करते हैं यात्री
मजेदार बात यह है कि विमान में सवार यात्री बिजली की चमक और बादलों के गरजने की आवाज भी सुन सकते हैं जब बिजली विमान पर गिरती है या उससे टकराती है. लेकिन इसके बाद भी विमान को नुकसान होने की स्थिति नहीं बनती क्योंकि उसके लिए बना सुरक्षा तंत्र काम कर रहा होता है.
विमान निर्माण में इस बात का खास ख्याल रखा जाता है कि बाहरी आवरण जो ज्यादातर सुचालक एल्यूमीनियम का बना होता है, पूरी तरह से संवहनित पथ बना सके अगर कहीं फाइबर जैसे पदार्थों का उपयोग हुआ है तो ऐसे में विद्युत या आवोशों के सुचालन को सुनिश्चित भी किया जाता है और यह भी ध्यान रखा जाता है यह विद्युत प्रवाह आवरण में ही रहे किसी तरह से विमान के अंदर तक ना आ जाए.