ये है दुनिया का सबसे अनोखा गांव, इंसान से लेकर जानवर सभी हैं यहां अंधे
प्रकृति की बनाई ये दुनिया काफी रहस्मयी है
प्रकृति की बनाई ये दुनिया काफी रहस्मयी है. कई बार इस जगहों से जुड़ी बाते लोगों को हैरान कर देती है क्योंकि ज्यादातर लोगों ने केवल अपने जीवन में आसन चीजें ही देखी होती है. लेकिन कुदरत की बनाई ये दुनिया इतनी साधरण नहीं है जितना हम लोग सोचते हैं. इसी कड़ी में आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका रहस्य सुलझाना आकाश में तारे गिनने जैसा जटिल है.
जिस गांव के बारे में बात कर रहे हैं, वह वाकई अजीब क्योंकि इस गांव में इंसान ही नहीं बल्कि जानवर भी अंधे हैं. इसीलिए इस गांव को दुनिया अंधों के गांव के नाम से जाना जानती है. जी हां, सुनने में ये काफी अटपटा लग रहा होगा..लेकिन यह बात बिल्कुल सच है. अंधे हो जाने की वजह से इस गांव में रहने वाला कोई भी पक्षी उड़ता नहीं है. ठीक ऐसी ही स्थिति इस गांव के जीव-जंतुओं की भी बनी हुई है.इस कारण लोग हुए अंधे
इस गांव में आमतौर पर जोपोटेक समुदाय के लोग रहते हैं. यहां कुल 70 कच्चे घर हैं. यहां मौजूद किसी भी घर में खिड़की नहीं हैं, क्योंकि ये सभी देख नहीं सकते. जिस कारण इन्हें सूर्य से मिलने वाली रोशनी से कोई मतलब नहीं है.बताया जाता है कि इसके पीछे एक गहरा रहस्य छिपा हुआ है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस गांव में जब बच्चों का जन्म होता है तब वह बिल्कुल ठीक होते हैं, लेकिन जन्म के कुछ दिनों बाद ही उनकी आंखों की रोशनी चली जाती है. और वह अंधे हो जाते हैं. इस गांव में रहने वाले लोग अपने अंधेपन के पीछे की वजह एक शापित पेड़ को मानते हैं. उनका मानना है कि लावजुएला नाम के एक पेड़ को देखने के बाद यहां इंसान से लेकर पशु-पक्षी तक सब अंधे हो जाते हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वैज्ञानिक गांव वालों की इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते. उनका कहना है कि लोगों के अंधेपन के पीछे कोई पेड़ नहीं, बल्कि एक खतरनाक और जहरीली मक्खी है. जिनके काटने से शरीर में एक खतरनाक कीटाणु शरीर में प्रवेश कर जाता है. ये कीटाणु शरीर में प्रवेश करने के बाद आंखों की मुख्य नसों को बंद कर देते हैं, जिससे इंसान और पशु-पक्षी अंधे हो जाते हैं.