अंटार्कटिका में आसमान ने ऐसे बदला रंग

ज्वालामुखी विस्फोट के बाद सल्फेट पार्टिकल्स, समुद्री नमक और वॉटर वेपर से बने एरोसोल हवा में घूमते हैं, सूरज की रोशनी को झुकाते और बिखेरते हैं. इसकी वजह से ही आकाश में गुलाबी, बैंगनी और नीले रंग के साथ चमक पैदा होती है. ये नजारा वाकई में देखने वाला है.

Update: 2022-07-17 04:34 GMT

ज्वालामुखी विस्फोट के बाद सल्फेट पार्टिकल्स, समुद्री नमक और वॉटर वेपर से बने एरोसोल हवा में घूमते हैं, सूरज की रोशनी को झुकाते और बिखेरते हैं. इसकी वजह से ही आकाश में गुलाबी, बैंगनी और नीले रंग के साथ चमक पैदा होती है. ये नजारा वाकई में देखने वाला है.

स्ट्रैटोस्फियर तक पहुंचने वाले प्रकाश के रास्ते में बादल और धुंध की मात्रा के मुताबिक आसमान का रंग और तीव्रता अलग-अलग होती है. इन तस्वीरों को स्टुअर्ट शॉ, अंटार्कटिका न्यूजीलैंड के साइंस टेक्नीशियन ने खींचा है जिन्हें स्कॉट बेस पर सर्दियों के लिए तैनात किया गया था.

फोटोग्राफर का कहना है कि मानो या न मानो, उसने इन शॉट्स को एडिट नहीं किया है. इन फोटोज की खूबसूरती को देखकर ना केवल सोशल मीडिया यूजर्स बल्कि इन फोटोज को कैद करने वाला फोटोग्राफर भी हैरान है. बता दें कि अंटार्कटिका न्यूजीलैंड से लगभग 5,000 किलोमीटर दूर है.

सैटेलाइट्स ने 15 जनवरी, 2022 को हुंगा टोंगा-हंगा हाआपाई ज्वालामुखी के पानी के अंदर विस्फोट से उत्पन्न एक अंब्रेला क्लाउड की छवियों को कैप्चर किया था. नासा के मुताबिक ज्वालामुखी विस्फोट से एरोसोल लगभग दो वर्षों तक आकाश में रह सकते हैं, जिसके दौरान वे फैल जाते हैं और विश्व को कवर करते हैं.

गुलाबी आसमान की फोटोज सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं. ये फोटो अंटार्कटिका से देखे गए रात के आसमान की है. तारे लुभावने हैं और मिल्की वे साफ-साफ पूरे आकाश में फैलती दिखाई दे रही है. हालांकि, ये फोटो May 14, 2018 को खींची गई थी.

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