मोबाइल और कम्प्यूटर के द्वारा भी चल सकेगी मशीन, सरकार ने कहा- मशीन की डिजाइन हमसे भी साझा करें
कहते है कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती. वह जहां भी होती है, अपनी रौशनी बिखेर ही देती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क । कहते है कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती. वह जहां भी होती है, अपनी रौशनी बिखेर ही देती है. ऐसा ही कुछ हुआ है मध्य प्रदेश के कटनी जिले के मझगवां में रहने वाले सुनील कुशवाहा के साथ, जिन्होंने जुगाड़ से वायु प्रदूषण को कम करने वाली मशीन तैयार करने में सफलता पाई है, जिसकी चर्चा हर तरफ है. कटनी जिले की बड़वारा तहसील के गांव मझगवां में रहने वाले किसान के बेटे सुनील कुशवाहा ने वायु प्रदूषण को कम करने वाली मशीन तैयार की है.
सरकार ने कहा- मशीन की डिजाइन हमसे भी साझा करें
सुनील पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर है. इस मशीन के जरिए वायु प्रदूषण को 95 फीसदी तक कम किया जा सकता है. खास बात यह है कि इससे ओजोन परत को भी किसी तरह का नुकसान नहीं होगा. सुनील की केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी सराहना करते हुए पत्र लिखकर मशीन का डिजाइन के साथ सीपीसीबी को विस्तृत रिपोर्ट साझा करने को कहा है.
मशीन से नेचुरल हवा में बदल जाएगी गंदी हवा
सुनील कुशवाहा का दावा है कि इस मशीन में प्रकाश संशलेषण की तकनीक का उपयोग किया गया है जिसमे दूषित हवा को एक नेचुरल हवा में बदला जाता है. इस मशीन के जरिए अनेक गंभीर बीमारियों से भी बचा जा सकता है. मशीन के माध्यम से वायु प्रदूषण को 90 से 95 प्रतिशत कम किया जा सकता है. यह मशीन कुछ ही घंटों में पांच एकड़ क्षेत्र के जमीनी प्रदूषण को साफ कर देती है. मशीन में लगाए गए नौ तरह के फिल्टर से मशीन अंदर और बाहर दोनों तरह का प्रदूषण खत्म करती है. मशीन में लगे फिल्टर पूरी तरह से प्रकाश संष्लेषण की तकनीक पर आधारित हैं.
जिस प्रकार से पेड़ पौधे कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और शुद्ध ऑक्सीजन बाहर निकालते हैं, उसी प्रकार यह फिल्टर बारीक से बारीक और महीन से महीन कणों को भी फिल्टर करके खराब हवा को एक नेचुरल हवा में बदलता है.
मोबाइल और कम्प्यूटर के द्वारा भी चल सकेगी मशीन
सुनील ने जो मशीन तैयार की है उसमें ऑनलाइन नेटवर्किंग का सिस्टम लगा हुआ है, जिसके द्वारा इस मशीन को कही से भी चालू और बंद किया जाता है. यह मशीन मोबाइल और कम्प्यूटर के द्वारा भी चल सकेगी. इस मशीन में एक चिमनी लगाई गई है. मशीन में प्रदूषण का स्तर जांचने के लिए एयर क्वालिटी मीटर एवं वोल्टेज मीटर लगाया गया है. मशीन पर नजर रखने सीसीटीवी कैमरा, कंप्यूटर स्क्रीन सिस्टम, सोलर एनर्जी सिस्टम भी लगाया जा सकता है.
सुनील ने प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा गांव में करने के बाद हायर सेकेंडरी एजुकेशन कटनी के एक निजी स्कूल से प्राप्त किया. इसके बाद मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई जबलपुर से पूरी की है. सुनील के दिमाग में एयर पॉल्यूशन मशीन बनाने का आईडिया आने की कहानी भी दिलचस्प है.