इस होटल में करवट लेने से बदल जाता है देश, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह
दुनिया में ऐसे कई होटल हैं, जो काफी अनोखे और खूबसूरत हैं
दुनिया में ऐसे कई होटल हैं, जो काफी अनोखे और खूबसूरत हैं. ये आलीशान होटल दुनिया में अपनी एक खास पहचान के लोगों के बीच जाने जाते हैं. लेकिन क्या आपने किसी ऐसे होटल के बार में सुना है. बिस्तर पर महज करवट बदलने से लोग एक देश से दूसरे देश में चले जाते हैं? जी हां बिल्कुल सही पढ़ा आपने इस धरती पर ऐसा एक होटल है और इसका नाम है- अर्बेज होटल (Hotel Arbez).यह कोई मजाक नहीं बल्कि हकीकत है. यहां आकर लोग ये सोचने पर मजबूर हो जाते हैं भला ये कैसे हुआ.
अर्बेज होटल को अर्बेज फ्रांको-सुइसे होटल के नाम से भी जाना जाता है. यह होटल ऐसी जगह बना हैं जहां फ्रांस और स्विट्जरलैंड की सीमा मिलती है. यह होटल दोनों देशों में आता है, इसलिए इस होटल के दो-दो पते (एड्रेस) हैं. इस होटल के एक कमरे का बाथरूम फ्रांस में आता है तो होटल का बार स्विट्जरलैंड में पड़ता है. यहां पर ठहरने वाले लोग भी इस होटल को देख कर दंग रह जाते हैं.
खास है इस होटल का इतिहास
इस यूनिक होटल में सभी कमरों को दो बराबर हिस्सों में बांटा गया है. कमरों को कुछ इस तरह सजाया गया कि ये आधे फ्रांस में तो आधे स्विट्जरलैंड में हैं. इसके साथ ही कमरों में तकिए भी दोनों देशों के हिसाब से अलग-अलग लगाए गए हैं. डेढ़ सौ सालों से भी ज्यादा पुराना ये होटल 2-स्टार होटल की श्रेणी में आता है लेकिन इसकी खासियत की वजह से दुनियाभर के सैलानी यहां आते रहते हैं.
इस होटल में करवट लेने से बदल जाता है देश
दिलचस्प बात ये है कि होटल में पहुंचते ही सैलानियों से पूछा जाता है कि आप कौन से देश के कल्चर का आनंद लेना चाहेंगे और उसी मुताबिक उसे सुविधाएं दी जाती हैं. यह होटल जिस जगह पर बना है, वो साल 1862 में अस्तित्व में आया था. पहले यहां एक किराने की दुकान हुआ करती थी.
दो देशों की पहचान है ये होटल
इसके बाद में साल 1921 में जूल्स-जीन अर्बेजे नामक शख्स ने इस जगह को खरीद लिया और यहां होटल बनवा दिया. अब यह होटल फ्रांस और स्विट्जरलैंड दोनों देशों की पहचान बन चुका है और दुनियाभर के टूरिस्ट को अपनी ओर खींचता है.
आपको जानकार हैरानी होगी कि इस होटल पर द्वितिय विश्व युद्ध के दौरान जब जर्मनी ने फ्रांस पर अपना कब्जा कर लिया था उस दौरान फ्रांस के सैनिकों को एक ही भाग में जाने की इजाजत थी क्योंकि होटल का एक हिस्सा स्विट्जरलैंड में भी मौजूद था. इतना ही नहीं होटल के ऊपरी कमरों में फ्रांस के सैनिकों को जाने की इजाजत नहीं थी.