जरा हटके: सदियों पुराना एक सवाल है कि मरने के बाद आपके दिमाग और शरीर का क्या होता है? धर्मग्रंथों में कहा गया है कि आत्मा अजर अमर है और इंसान की मृत्यु के बाद भी यह नहीं मरती. पुर्नजन्म तक के दावे किए जाते हैं, लेकिन वैज्ञानिक हर बार इन दावों को नकारते रहे हैं. अब एक साइंटिस्ट ने जीवन और मृत्यु के बारे में सनसनीखेज दावे किए हैं, जिसे जानने के बाद आप हैरान रह जाएंगे. उनके मुताबिक, पुर्नजन्म जैसी कोई चीज नहीं. मरने के बाद इस शरीर या आत्मा में से कोई भी चीज नहीं बचती.
जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और कॉस्मोलजिस्ट डॉक्टर सीन कैरोल के मुताबिक, अगर सबकुछ विज्ञान के हिसाब से देखें तो इंसान की मौत के बाद कोई जीवन संभव नहीं. यदि किसी इंसान की मृत्यु हो जाए तो उसकी चेतना इस ब्रह्मांड में नहीं रह सकती. ऐसा कोई भी कण या फोर्स नहीं है, जिससे पता चले कि मर जाने के बावजूद आपका दिमाग काम करता रहता है. डॉ. सीन ने समझाया कि इंसान के मर जाने के बाद शरीर की सारी रासायनिक प्रक्रियाएं बंद हो जाती हैं और उनके आगे बने रहने का कोई रास्ता नहीं है. हम विज्ञान के भौतिकशास्त्र के नियमों को मानें तो ऐसा कोई रास्ता नहीं है जो मरने के बाद हमारे दिमाग में मौजूद जानकारी को बनाए रखे और पुर्नजन्म की वजह बने.
सीन कैरोल के मुताबिक, आत्मा जैसी कोई चीज नहीं होती. आपके शरीर के साथ या बाद में इसका कोई अस्तित्व नहीं. शरीर एक केमिकल फंडा है और एक वक्त के बाद वह पूरी तरह नष्ट हो जाता है. उसके आगे या पीछे कुछ नहीं होता. इसलिए पुर्नजन्म का तो सवाल ही नहीं उठता. इस बात की कोई संभावना नहीं कि पिछले जन्म में हमारे साथ जो कुछ हुआ वह, नए जीवन में याद रहे. डेली मेल के मुताबिक, 2012 में नेवादा में एक कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने यह बात कही थी.
परमाणुओं का एक संग्रह
साइंटिस्ट के मुताबिक, हमारा शरीर प्रकृति के नियमों के हिसाब से चलने वाले परमाणुओं का एक संग्रह है. यह ऐसा नहीं है कि कोई आध्यात्मिक ऊर्जा चला रही हो, एक केमिकल रिएक्शन से चलने वाली चीज है. इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन विद्युत चुंबकत्व, परमाणु बल और गुरुत्वाकर्षण के माध्यम से परस्पर क्रिया करते हैं तो यह चलती है. भौतिकी के नियम हमें यही बताते हैं. यही हकीकत है.