इस देश में भारी संख्या में काटी जा रही लोगों की फोन लाइन, आखिर क्या है वजह?

अफ्रीका में कई देशों में लोग फोन लगाने से वंचित हो गए हैं

Update: 2022-04-10 05:59 GMT
अफ्रीका (Africa) में कई देशों में लोग फोन लगाने से वंचित हो गए हैं. अकेले नाइजीरिया (Nigeria) में इस सोमवार को तीन चौथाई फोन लाइन (Phone Lines) काट दी गई हैं. यह अचानक होने वाली घटना नहीं हैं और ऐसा अफ्रीका केवल एक देश में ही नहीं हो रहा है. यहां के कई देशों में पिछले कुछ सालों सुरक्षा कारणों राष्ट्रीय पहचान संख्या जैसे सिस्टम से सिम कार्ड को जोड़ने के निर्देश दिए जा रहे हैं. लेकिन आपराधिक गतिविधियों के कारण सरकारें सख्त कदम उठाने पर मजबूर हो गई हैं.
नाइजीरिया में हमले ने चेताया सरकार को
पिछले कुछ समय से नाइजिया सहित अफ्रीका के कई देशों में इस तरह के निर्देश जारी किए जा रहे हैं कि सभी सिम कार्ड कैरियर को अपने लाइन को नेशनल आइडेंटिटी नंबर से जोड़ना होगा जो देश की सुरक्षा के लिहाज से बहुत जरूर है. इसके लिए जारी की गईं अंतिम समय सीमा को कई बार बढ़ाया गया है लेकिन पिछले हफ्ते एक ट्रेन पर हुए हमले ने एक तरह सुरक्षा के लिए चेताने वाला काम किया और सरकारों को इस दिशा में सख्त रुख अपनाने पर मजबूर कर दिया.
सरकार हुई मजबूर
जब ऐसी रिपोर्ट सामने आने लगी है कि हमलावरों ने अपहारण किए गए लोगों के परिवार वालों को फिरौती के लिए फोन लगाने शुरू किए तो सरकारों को कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा और दो साल पहले किए गए वादे को पूरा करने के लिए कदम उठाने पड़े जिसमें कहा गया था कि निर्देशों का पालन ना करने वाले नागरिकों की लाइन काट दी जाएगी.
पहले भी की थी कार्रवाई
सोशल मीडिया पर खास तौर पर दक्षिणी देशों में लोग सिमकार्ड लिंक और नेशनल आइडेंटिटी नंबर के बीच कनेक्शन पर बहस कर रहे हैं. साल 2015 मे नाइजीरिया की सरकार ने ही महाद्वीप की सबसे पहले टेलीकॉम कम्पनी एमटीएन पर 5.2 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया था. आरोप था कि कंपनी गैर सत्यापित ग्राहकों का हटाने में गड़बड़ी कर रही है.
एक घटना यह भी
नाइजीरिया के नेशनल कम्यूनिकेशन्स कमीशन ने पहले कंपनी को निर्देश दिए थे कि वह 1 से 1.86 लाइन्ट को निष्क्रिय कर दे. लेकिन सरकार तब ज्यादा सक्रिय हुई नाइजीरिया के पूर्व वित्त मंत्री का अपहारण हो गया. पुलिस के मुताबिक अपहारणकर्ताओं ने एमटीएन लाइन का उपयोग कर फिरौती मांगी.
केन्या भी इसी राह पर
केन्या ने भी इस मामले में अपनी डेडलाइन 15 अप्रैल कर रखी है जिसके बाद गैर पंजीकृत सिमकार्ड निष्क्रिय हो जाएंगे. पिछले 10 सालो में यह तीसरी ऐसी डेडलाइन है. यहां साल 2013 में अल शबाब हथियारबंद समूह के हमले के बाद 20 लाख सिम कार्य बंद कर दिए गए थे.
तंजानिया और घाना
पिछले साल तंजानिया ने बताया था कि उसने आपराधिक मामलों में लिप्त 18 हजार सिमकार्ड बंद कर दिए हैं. मोबाइल घोटालों से बचने के लिए घाना ने भी हर सिम कार्ड कैरियर को निर्देश दिए थे वे फिर से अपने सिमकार्डों का घाना कार्ड के साथ पंजीकरण करें. अन्यथा उनके सिम का कनेक्शन काट दिया जाएगा.
अफ्रीका में 44 प्रतिशत मोबाइल पेनिट्रेशन रेट है , अफ्रीका के54 में से 50 देशों ने सिम पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है. लेकिन इसे पूरी तरह से लागू करने में परेशानी हो रही है. सिमकार्ड को राष्ट्रीय डेटाबेस से जोड़ने से आपराधिक गतिविधियो को पकड़ने में मदद मिल सकेगी. विशेषज्ञों का कहना है कि सिम पंजीकरण से आंकड़े उतने सटीक नहीं है जितना होने चाहिए. लेकिन लोगों की अनिच्छा एक बड़ा कारक है जो कई बार हुईं पंजीकरण प्रक्रियाओं से उपजी निराशा के कारण पैदा हुई है. लेकिन ऐसी कार्रवाई से आर्थिक नुकसान भी हो रहा है.
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