शख्स ने किया 53 औरतों से विवाह, एक शादी तो बस एक रात ही चली
हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक शादी (Marriage) को सात जन्मों का बंधन कहा जाता है. हालांकि दुनिया के कई देशों में बहु विवाह की प्रथा भी रही है. भारत में भी आपने कुछ लोगों को दो
हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक शादी (Marriage) को सात जन्मों का बंधन कहा जाता है. हालांकि दुनिया के कई देशों में बहु विवाह की प्रथा भी रही है. भारत में भी आपने कुछ लोगों को दो, तीन या फिर 4 शादियां करते देखा या सुना होगा. लेकिन यहां पर बात जिन अब्दुल्ला साहब कि तो उन्होंने मानों हर नियम कायदे और कानून का तोड़ निकालते हुए 43 साल में 53 शादियां की और दुनियाभर में मशहूर हो गए.
43 साल में 45 शादियां
अबू अब्दुल्ला (Abu Abdullah) ने हाल ही में बताया कि जब उनकी पहली शादी हुई थी तब उनकी उम्र सिर्फ बीस साल थी. वो अपनी पहली बीबी और बच्चों के साथ आराम से जिंदगी बिता रहे थे. लेकिन तीन साल बीतने के बाद अचानक कुछ ऐसी परिस्थितियां बनीं कि उन्होंने फौरन दूसरी शादी करने का फैसला कर लिया. फिर 23 साल की उम्र में दूसरा निकाह किया. इसके बाद तो उनके कदम ऐसे बढ़े कि उन्होंने अपने लिए दुल्हनों की लंबी लाइन ही खड़ी कर दी.
एक शादी तो बस एक रात चली
'गल्फ न्यूज़' में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक 63 साल के अब्दुल्लाह ने कुछ दिन पहले ही 53वीं शादी की है. हालांकि अब उनका ये कहना है कि फिलहाल आगे कोई शादी करने का इरादा तो नहीं है बाकी जैसी ऊपरवाले की मर्जी. उनकी इन शादियों की एक खास बात ये भी रही कि उनकी एक शादी सबसे कम समय तक चली. दरअसल किसी वजह से उनकी वो शादी सिर्फ एक रात में ही टूट गई थी.
इतनी शादियों की दिलचस्प वजह
सउदी निवासी अब्दुल्लाह को अगर इस दुनिया का सबसे बड़ा पोलीगैमिस्ट (Polygamist) कहें तो गलत नहीं होगा. क्योंकि उन्होंने बीते 43 साल में 53 शादियां की हैं. विदेशी दौरों के बीच पत्नी की कमी न खले इसलिए जहां भी गए वहां शादी जरूर कर ली. वो बताते हैं कि ऐसा करने से वो बाहरी बुराईयों से बचे रहते हैं. उनका दावा है कि इतनी बेगमों के होने के बावजूद उन्होंने अपनी किसी भी बीबी के साथ नाइंसाफी नहींकी है. अब्दुल्लाह ने कहा, 'मैंने सबके साथ समान व्यवहार करते हुए उनको बराबर का हक दिया हैं.'
पत्नी में इस चीज की तलाश
अब्दुल्लाह ने बताया कि उन्होंने इतनी शादियां बस शांति और सुकून की चाहत में करीं. उन्हें ऐसी पत्नी की तलाश हमेशा रही जो उनको पूरी तरह से समझ सके, सुकून दे सके और हमेशा खुश रख सके. इन 53 शादियों में ज्यादातर उन्होंने सऊदी महिलाओं को ही अपनी दुल्हन बनाया. वो बताते हैं कि बिजनेस के सिलसिले में साल में चार से पांच महीने बाहर रहना पड़ता है. इस दौरान शैतान किसी बुराई में न ढ़केल दे इसलिए विदेशी महिलाओं से भी शादी करने में देर नहीं लगाई. अब्दुल्ला ने कहा, 'इन शादियों में उन्होंने लड़कियों की उम्र नहीं देखी. क्योंकि जब पहली शादी हुई तो उनकी बीबी उनसे छह साल बड़ी थी.'