अजीब शौक के लिए मशहूर हैं प्रशा के राजा फ्रेडरिक विलियम, सेना में करते थे लंबे सैनिकों की भर्ती
देश-विदेश में एक से बढ़कर एक अजब-गजब राजा-महाराजा रहे हैं
देश-विदेश में एक से बढ़कर एक अजब-गजब राजा-महाराजा रहे हैं. ज्यादातर को सदियां बीत जाने के बाद भी याद किया जाता है. जहां कुछ को उनके अच्छे कर्मों, दरियादिली और कला में रुचि के लिए याद किया जाता है, वहीं कुछ अपने कुकर्मों के कारण आज भी याद किए जाते हैं. प्रशा के राजा फ्रेडरिक विलियम 1 (King Of Prussia, Frederick William 1) अपनी अजीब हरकतों और शौक के लिए अब भी सुर्खियों में जगह बना लेते हैं.
27 साल तक किया शासन
प्रशा के राजा फ्रेडरिक विलियम प्रथम (King Frederick William 1) ने 1713 से लेकर 1740 तक यानी 27 सालों तक प्रजा पर शासन किया था. उनके बाद उनके बेटे फ्रेडरिक द ग्रेट (Frederick The Great) ने शासन की कमान अपने हाथों में ले ली थी. 27 सालों के अपने राज में फ्रेडरिक विलियम प्रथम ने अपने अजब-गजब आदतों (Freaking Habits) से सबको हैरान कर दिया था. अपने सैनिकों को लेकर उनके कुछ नियम-कायदे तय थे और वे उन्हीं के अनुसार उनकी तैनाती करते थे. फ्रेडरिक विलियम प्रथम को शांत और दयावान स्वभाव का राजा माना जाता था.
वेतन के लिए सहनी होती थी बेइज्जती
प्रशा के राजा फ्रेडरिक विलियम प्रथम (King Frederick William 1) अपनी सेना में भर्ती सैनिकों (Soldiers Salary) को मोटा वेतन देते थे. राजा को लंबे सैनिकों के प्रति अलग किस्म का लगाव था और उनको अच्छे वेतन पर रखा जाता था. लेकिन इन सैनिकों को काफी बेइज्जती के बाद ही अपना वेतन नसीब होता था. उसके राजा बनने से पहले प्रशा की सेना में करीब 38 हजार सैनिक थे, जिन्हें बढ़ाकर उसने करीब 83 हजार कर दिया था.
लंबे सैनिकों के प्रति था विशेष लगाव
राजा फ्रेडरिक विलियम प्रथम (King Frederick William 1) के राज्य में लंबे सैनिकों (Tall Soldiers) की एक अलग रेजिमेंट (Regiment) थी, जो 'पॉट्सडैम जाइंट्स' के तौर पर मशहूर थी. इस रेजिमेंट में सारे सैनिक छह फीट से ज्यादा के थे. इनकी सेना में सबसे लंबे सैनिक थाका नाम जेम्स किर्कलैंड था. उसकी लंबाई सात फीट एक इंच थी. इन सैनिकों को युद्ध के लिए तैयार नहीं किया जाता था. राजा उदास होने पर इन सैनिकों से डांस (Entertainment) करवाता था तो कभी महल में ही मार्च (Soldiers March) करने का आदेश देता था. राजा फ्रेडरिक की मौत होने तक इस रेजिमेंट के सैनिकों की संख्या 3000 तक हो गई थी.