समय की भी है कोई उम्र या फिर है अनंत? जानिए क्या कहते है वैज्ञानिक
समय की कई धारणाएं हैं
समय (Time) की कई धारणाएं हैं. विज्ञान की भी समय को लेकर अपनी अलग धारणा है. क्या समय अनंत है या फिर उसका भी अंत हो सकता है या वह भी ब्रह्माण्ड के अस्तित्व (Existence of Universe) के साथ बंधा हुआ है. ऐसे सभी प्रश्नों को लेकर विज्ञान का अपना नजरिया (Science point of view) है. विज्ञान भी मानता है कि जिसका सृजन हुआ है उसका अंत भी होता है. इस लिहाज से समय, जो ब्रह्माण्ड के साथ शुरू हुआ था. उसका भी अंत होगा लेकिन क्या यह ब्रह्माण्ड के अंत साथ ही होगा या फिर समय ब्रह्माण्ड से भी परे है. कई सवाल अभी अनुत्तरित हैं. आइए जानते हैं कि समय को लेकर विज्ञान में किस तरह धारणाए हैं और वे कैसे पनपीं.
बिग बैग से हुई थी शुरुआत?
वैज्ञानिकों को लगता है कि ब्रह्माण्ड की शुरुआत एक बहुत छोटे संकुचित जगह से हुई थी, किसी वजह से ( भी तक पता नहीं क्यों) अचानक उसमें विस्तार होने लगा और इसके विस्तार की रफ्तार भी बढ़ती गई. ब्रह्माण्ड के विस्तार की इस धारणा या प्रतिमान (Model) को बिग बैंग कहते हैं. बिग बैंग की धारणा से अधिकांश वैज्ञानिक सहमत हैं.
ब्रह्माण्ड का विस्तार
पिछली सदी के अंत में वैज्ञानिकों ने पाया कि ब्रह्माण्ड का ज्यादा तेजीसे विस्तार हो रहा है. लेकिन अभी तक यह पता नहीं चला है कि ऐसा आखिर क्यों है. माना जा रहा है कि इसका संबंध निर्वात अंतरिक्ष की ऊर्जा का हाथ हो सकता है. यह नए प्रकार का ऊर्जा क्षेत्र हो सकता है या फिर पूरी ही तरह से नई भौतिकी ही हो सकती है. इसे अभी समझा नहीं जा सका है इसीलिए इसे डार्क एनर्जी कहा गया है. फिर भी इसका उपयोग कई तरह की परिघटनाओं की व्याख्या में होने लगा है.
डार्क ऊर्जा की भूमिका
डार्क ऊर्जा और डार्कमैटर दोनों का ही उपयोग यह अनुमान लगाने के लिए होने लगा है कि ब्रह्माण्ड का अंत कैसे होगा क्योंकि इसी व्याख्या पर समय का 'भविष्य' भी टिका हुआ है. यदि ब्रह्माण्ड के विस्तार के लिए जिम्मेदार डार्क ऊर्जा बहुत ज्यादा शक्तिशाली है, तो यह ब्रह्माण्ड अनंत समय के लिए अनंत आकार में विस्तरित होता रहेगा. अनंत अर्थात कभी ना खत्म होना यानि समय भी कभी खत्म नहीं होगा. लेकिन डार्क ऊर्जा के बहुत शक्तिशाली होने से छोटे अणु और उनके उपकण भी विस्तारित होंगे.
अंत या फिर संकुचन
ऐसे में ब्रह्माण्ड हमेशा के लिए विस्तारित नहीं हो पाएगा. लेकिन एक समय आएगा कि ब्रह्माण्ड इतना विस्तारित हो जाएगा कि पूरा पदार्थ अलग अलग हो जाएगा और तब ब्रह्माण्ड का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा जिसके बाद समय का भी अंत हो जाएगा. इसके अलावा एक स्थिति यह भी हो सकती है कि ब्रह्माण्ड विस्तारित होनां बंद कर देगा और फिर सिकुड़ना या संकुचित होना शुरू हो जाएगा. इस बिग क्रंच कहा जाता है. इस स्थिति में ब्रह्माण्ड छोटा होता जाएगा, गैलेक्सी विलय करने लगेंगी और सभी पदार्त एक साथ जुड़ता चला जाएगा और एक छोटे से महीन स्थान में सिमट जाएगा जब समय का अंत हो जाएगा.
विस्तार संकुचन की अनंत प्रक्रिया
कई भौतिकविदों को मानाना है कि बिग क्रच भी ब्रह्माण्ड का अंत नहीं होगा, बल्कि यह केवल बीच की स्थिति ही होगा. इस तरह से ब्रह्माण्ड अनंत तक विस्तारित होगा और फिर अनंत समय तक संकुचित भी होगा उसके बाद फिर बैंग होगा और ब्रह्माण्ड का फिर से विस्तार होने लगेगा. इस बिग बाउंस के माहौल में समय की शुरुआत और अंत की कोई स्थिति नहीं होगी.
कुछ और भी हो सकता है
कई बिग बाउंस प्रतिमानों में ब्रह्माण्ड में केवल एक ही बार विस्तार और संकुचन होगा. जबकि दूसरे प्रतिमानों में वह अनंत संख्या में बाउंस होता रहेगा और लगातार विस्तारित और संकुचित होता रहेगा. जो भी यह जानना जरूरी है कि यह भी स्थितियां संभावनाएं हैं और जरूरी नहीं कि वैसा ही होगा. फिर भी डार्क मैटर को समझने की जरूरत है. और जरूरी नहीं है कि ब्रह्माण्ड को लेकर हमारी अभी तक की समझ सही है.
लेकिन यह भी सच है कि अब से कई साल या फिर कुछ ही समय में कोई नया मत सामने आ जाए तो ब्रह्माण्ड के काम करने को बेहतर तरीके से व्याख्या करने वाले सिद्धांत दे जाए. या फिर यह भी हो सकता है कि हम कभी यह जान ही ना पाएं कि समय कभी खत्म होगा भी या नहीं हो सकता है कि इस मामले में नए सिद्धांत कुछ और ही कह डालें.