बिल्ली के साथ मस्ती करने की वजह से चली गई मासूम की एक आंख की रोशनी, जानिए क्या हुआ फिर

हर बच्चे को छोटे जानवरों के संग खेलना काफी पसंद होता है. यही वजह है कि आपने लोगों को अपने घरों में खरगोश, बिल्ली और कुत्ता पालते हुए देखा होगा.

Update: 2021-01-29 05:54 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेसक | हर बच्चे को छोटे जानवरों के संग खेलना काफी पसंद होता है. यही वजह है कि आपने लोगों को अपने घरों में खरगोश, बिल्ली और कुत्ता पालते हुए देखा होगा. लेकिन एक बच्ची को बिल्ली के साथ खेलना बड़ा महंगा पड़ गया. दरअसल बच्ची को 'टाक्सो- पैराकेनिस' नाम की बीमारी हो गई और उसकी दाहिनी आंख की रोशनी चली चली गई. अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक डॉक्टरों ने दावा किया कि देश में यह इस तरह की अनोखी बीमारी का तीसरा केस है.

एक रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि यह बीमारी बिल्लियों के मल से होती है, जिसकी वजह से बच्ची की एक आंख का पर्दा फट गया था. जिसके बाद से ही बच्ची का एम्स में इलाज चल रहा है और लंबे इलाज के बाद धीरे-धीरे उसकी आंखों की रोशनी वापस आ रही है. कानपुर के एक परिवार ने तीन देसी बिल्लियां पाली थीं और उनकी बच्ची दो-तीन साल की उम्र से ही बिल्लियों के साथ खेलने लगी थी. लेकिन पिछले साल जून में बच्ची की एक आंख की रोशनी में धुंधलापन आ गया था.
जिसके कुछ दिनों बाद बच्ची की आंख लाल होने लगी. डॉक्टर्स को लगा कि यह कोई आम सा इन्फेक्शन है. इसके कई दिनों तक इलाज चलने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ. इसके बाद परिजन बच्ची को लेकर दिल्ली एम्स पहुंचे. यहां नेत्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. परवेज खान को बच्ची के बिल्लियों संग खेलने की जानकारी मिलने पर उन्हें टाक्सो-पैराकेनिस की आशंका हुई. जांच में पता चला कि बच्ची को टीनिया केंडिस परजीवी का जबरदस्त संक्रमण है.
इस संक्रमण की वजह से एक आंख का परदा फट गया है. यह परजीवी बिल्ली के मल से इंसानी आंख में पहुंचता है. आप्टिकल कोहरेंस टोमोग्राफी से जांच में पता चला कि आंख का परदा फट गया है. कुछ स्टेरायड और एंटीपैरासाइट दवाओं के जरिए लगातार इलाज करने पर बच्ची ठीक हो रही है. फिलहाल इस केस स्टडी को अमेरिकन जर्नल को भेज दी है. जहां इस पर विस्तृत जांच की जाएगी.


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