शादी को लेकर दुनिया भर में तरह-तरह की रस्में और रीति-रिवाज हैं। भारत में हर राज्य में अलग-अलग समुदायों में शादी को लेकर अलग-अलग परंपराएं हैं। शादी के लिए दूसरे की पत्नी का अपहरण करने की प्रथा पश्चिम अफ्रीका में वोडाबे जनजाति के बीच एक प्रथा है। यहां शादी से पहले मर्दों को दूसरे मर्द की बीवी चुरानी पड़ती है। इस प्रकार विवाह करना इस जनजाति की पहचान है। दूसरे की पत्नी को चुराने और फिर शादी करने के बाद, उन पर न तो जुर्माना लगाया जाता है और न ही इसके लिए उन्हें दंडित किया जाता है।
अफ्रीका में एक जनजाति है जहां शादी करने के लिए लोगों को दूसरे लोगों की पत्नियों को चुराना पड़ता है। गेरेवोल लोग आज भी इस प्रथा का पालन करते हैं। इसलिए गेरेवोल उत्सव हर साल आयोजित किया जाता है। जिसमें बच्चे सज धज कर अपना चेहरा रंगते हैं। इसके बाद वे नाच-गाकर और अन्य कई तरीकों से दूसरे की पत्नियों को आकर्षित करने की कोशिश करते हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस जनजाति में पहली शादी परिवार की रजामंदी से की जाती है। लेकिन दूसरी शादी को लेकर रिवाज में थोड़ा ट्विस्ट है। अगर कोई दोबारा शादी करना चाहता है तो उसे दूसरे की पत्नी चुरानी पड़ती है। यदि वह ऐसा नहीं कर पाता तो उसे पुनर्विवाह का अधिकार नहीं मिलता।
वोडाबेस जनजाति में इस रिवाज का पालन कर रहे हैं। गरेवोल उत्सव में महिला न्यायाधीश होती हैं जो पुरुषों की सुंदरता का परीक्षण करती हैं। जो पुरुष सबसे आकर्षक है, महिला जज चाहे तो शादी कर सकती है। एक महिला जज तब भी शादी कर सकती है जब वह पहले से शादीशुदा हो।
हालांकि इसके लिए उन्हें इस बात का ख्याल रखना होगा कि महिला के पति को इसकी जानकारी न हो। यदि कोई विवाहित स्त्री किसी पुरुष के प्रति आकर्षित होकर घर से भाग जाती है तो समुदाय के लोगों द्वारा उसे ढूंढ लिया जाता है और फिर उसका विवाह कर दिया जाता है। इसके बाद दोनों की शादी को लव मैरिज मान लिया जाता है।