इस देश में कॉकरोच को कुचलकर बनाते हैं शरबत, बड़े चाव से पीते हैं लोग...
खाने पीने के शौकीन लोग अलग अलग जगहों पर स्वाद लेना पसंद करते है। हर जगह खाने का स्वा अलग होता है। कुछ हमेशा कुछ अलग ट्राई करते रहते है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| खाने पीने के शौकीन लोग अलग अलग जगहों पर स्वाद लेना पसंद करते है। हर जगह खाने का स्वा अलग होता है। कुछ हमेशा कुछ अलग ट्राई करते रहते है।विदेशों में तो खाने पीने के लिए नए नए प्रयोग करते है। कुछ लोगों का खानपान बहुत अनोखा होता है। जिसके बारे में हर कोई सोचने के लिए मजबूर हो जाता है। आज आपको कॉकरोच से नी शरबत के बारे में बताने जा रहे है। जी हां, चीन के लोग बहुत ही चाव से इसका सेवन करते है। आपको बता दे कि चीन सहित कई एशियाई देशों में कॉकरोच को तलकर खाते है। कई देशों में इनको बड़े पैमाने पर पैदा किया जाता है।
600 करोड़ कॉकरोच का पालन
ऐसा कहा जाता है कि कॉकरोच संभावित औषधीय गुणों के चलते चीनी उद्योग के लिए व्यवसायिक अवसर की तरह है। चीन के शीचांग शहर में एक दवा कंपनी हर साल 600 करोड़ कॉकरोच का पालन करती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, बिल्डिंग में इनको पाला जा रहा है। इस बिल्डिंग का क्षेत्रफल करीब दो खेल के मैदानों के बराबर बताया जा रहा है।
सूरज की रोशनी से रखते है दूर
इन कॉकरोज को वहां अलमारियों की पतली कतारों में पाला जाता है। इतना ही नहीं इनके लिए खाने और पानी का भी खास इंतजाम किया जाता है। वहां पर बिल्कुल अंधेरा होता है और वातावरण में गर्मी और सीलन बनाकर रखी जाती है। फार्म के अंदर कीड़ों को घूमने और प्रजनन करने की आजादी होती है। उनको सूरज की रोशनी से दूर रखा जाता है ताकि वो बिल्डिंग के बाहर नहीं जा सकते हैं।
कई बीमारियों का होता है इलाज
कॉकरोच पालन के लिए बिल्डिंग के अंदर तापमान, खाने की उपलब्धता और नमी पर नियंत्रण रखा जाता है। ऐसा करने से ज्यादा कॉकरोच पैदा होता है। जब कॉकरोच व्यस्क होते हैं, इन्हें कुचल दिया जाता है और इसका शरबत की तरह चीन के परंपरागत दवाई के रूप में पिया जाता है। इसका इस्तेमाल दस्त, उल्टी, पेट के अल्सर, सांस की परेशानी और अन्य बीमारियों के इलाज में किया जाता है।