रंग बदलने में गिरगिट को मात देती है समंदर में रहने वाला यर जीव , कैमरे में कैद हुआ बहरुपिया ऑक्टोपस
जितना मज़ा धरती के जानवरों के वीडियो औऱ उनकी हरकतें देखने में आता उतना आनंद शायद ही किसी और तरह के वीडियो में आता हो
जितना मज़ा धरती के जानवरों के वीडियो औऱ उनकी हरकतें देखने में आता उतना आनंद शायद ही किसी और तरह के वीडियो में आता हो. तभी तो ऐसे वीडियो शेयर होते ही लाखों दिलों तक पहुंच जाता हैं. लेकिन क्या कभी समंदर की गहराई में बसी दुनिया की सैर की है जिसकी खूबसूरती ऐसी है कि एक बार देखने बैठें तो नज़रे हटाने का मन ही न करे. वहां एक से एक रहस्य हैं जिन्हें देख आंखे चौधियां जाएंगी.
कैमरे में ऐसा जीव कैद हो गया जो पलक झपकते ही रंग बदलने में गिरगिट का भी उस्ताद निकला. @wonderofscience के ट्विटर पेज पर शेयर वीडियो में समंदर की गहराई में तैरते ऑक्टोपस ने 20 सेकेंड मे कई रूप और रंग बदल डाले. मोजाम्बिक के तट पर पर बनाए गए इस वीडियो को 30 लाख से ज्यादा व्यूज़ मिले.
पलभर में रंग-रुप बदलने में माहिर होता है ऑक्टोपस
अब तक हम सबने पल में रंग बदलने वाली छवि के साथ एक ही जीव का नाम बचपन से लेकर अब तक सुना है और वो है गिरगिट. जो लोग अपनी बातों से मुकर जाते हैं ऐसे लोगों के लिए कटाक्ष के तौर पर भी जुमला इस्तेमाल होता है कि वो तो गिरगिट की तरह रंग बदलता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस गुण और विशेषता पर गिरगिट का एकाधिकार कभी नहीं रहा. बल्कि एक ऐसा जीव भी है तो न सिर्फ रंग बल्कि शरीर की बनावट और खाल को भी जगह के हिसाब से ढालने में माहिर होता है. वो है समंदर की गहराई में रहने वाला ढेरों पैर वाला जीव ऑक्टोपस जिसका नाम को बेशक आपने बहुत बार सुना होगा. टीवी और वीडियो में उसे देखा भी होगा. लेकिव क्या कभी से रंग बदलते भी देखा है अगर नहीं तो इस वीडियो को ज़रूर देखिए जिसमें वो न सिर्फ सतह के हिसाब से रंग बदलता है बल्कि पूरी तरह खुद को उसी तरह ढाल लेता है जैसी जगह पर वो बैठता है. ऐसा करना सुरक्षा की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण होता है. जो कुदरत की देन है
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रंग बदलती दुनिया में सब अच्छा हो जाता
सोशल मीडिया पर इस वीडियो को खूब पसंद किया गया. लोगों ने रंग बदलने वाले ऑक्टोपस को देख हैरानी भी जताई तो कुछ लोगों ने कहा कि ये समंदर में रहने वाले एलियन की तरह हैं. वहीं एक ने कहा कि मै कभी भरोसा नहीं कर सकता कि ऑक्टोपस एलियन नहीं होते. वहीं रंग बदलने के गुण को इंसानों से जोड़कर देखने लगे कुछ जो कहते हैं कि अगर इंसान भी रंग बदल सकता तो जातिवाद खत्म हो जाता.