अंटार्कटिका और आर्कटिक में एक साथ पड़ रही है गर्मी, 21 मार्च को दोनों जगह दिन और रात बराबर

21 मार्च को दोनों जगह दिन और रात बराबर

Update: 2022-03-23 13:34 GMT
पृथ्वी (Earth) के उत्तरी गोलार्द्ध में गर्मी का मौसम शुरू हो गया है. इस बार ठंड जाते जाते भी तेज रही और गर्मी भी तेजी से आई. मार्च के महीने में दिन रात लगभग बराबर होते हैं, ऐसे में गर्मी धीरे धीरे तेज होना शुरू होती हैं. लेकिन यह पहली बार है कि अंटार्कटिका (Antarctica) से गर्मी गई नहीं हैं और आर्टिक (Arctic) में गर्मी आ गई है और दोनों जगह ग्रीष्म लहरों के कारण तापमान के रिकॉर्ड टूट रहे हैं.
इस समय अंटार्कटिका (Antarctica) में गर्मी का मौसम जा रहा है और आर्कटिक (Arctic) में गर्मी आ रही है. 21 मार्च को दोनों ही जगह दिन और रात बराबर (Equinox) थे. लेकिन इस सप्ताह मौसम कुछ ऐसा हुआ है कि दोनों ही जगह पर रिकॉर्ड तोड़ ग्रीष्म लहर (Heat waves) चली है जिसे अधिकतम तापमान औसत से 30 डिग्री ज्यादा पाया गया है. क्या दोनों ही ग्रीष्म लहरों का आपस में संबंध है. दोनों को बेशक सीधा कनेक्शन भले ही ना हो लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े जरूर हैं. इसके अलावा इसकी वजह जलवायु परिवर्तन भी हो सकती है. क्योंकि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से ध्रुव औसत से ज्यादा गर्म हो भी रहे हैं.
अंटार्कटिका (Antarctica) में ग्रीष्म लहर (Heat Wave) ऑस्ट्रेलिया (Australia) दक्षिण पूर्व में स्थिति तीव्र उच्च दबाव के धीमे सिस्टम के कारण आई जिसमें भारी मात्रा में गर्म हवा और नमि अंटार्कटिका के आंतरिक इलाकों तक पहुंच गई. इसके साथ ही पूर्वी आंतरिक अंटार्कटिका में एक तीव्र कम दबाव का सिस्टम भी काम कर रहा था. फिर अंटार्कटिका के बर्फीले पठार के ऊपर के बादलों ने सतह से निकली गर्मी को फांस लिया था जिसने आग में घी का काम किया.
पतझड़ से ही अंटार्कटिका (Antarctica) के अंदर तका तापमान (Temperature) इतना ज्यादा नहीं रहा था कि ग्लेशियर (Glaciers) और बर्फ की परत पिघल जाती. फिर भी तापमान में बड़े उतार चढ़ाव भी हो रहे थे. बीच पठार में -17 डिग्री के आसपास का तापमान था जो औसत से 15 डिग्री ज्यादा था. उच्च पठार पर ही स्थित कोनकार्डा में मार्च का औसत तापमान से 40 डिग्री सेल्सियस ऊपर तक रिकॉर्ड किया गया. अंटार्कटिका में तटीय इलाकों में बारिश कम होती है. ऐसा तभी होता है जब तापमान बर्फ जमने वाले अंक से ऊपर हो जाता है तब वहां बर्फ गिरने की जगह बारिश होती है. 
पिछले हफ्ते ऑस्ट्रेलियाई कैसे स्टेशन पर तापमान (Temperature) 5.6 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था. जो दो साल दूसरे ग्रीष्म लहर (Heat wave) का मौका था. अंटार्कटिका (Antarctica) के तटीय इलाकों में रहने वाले पेंगुइन हाल ही में गर्मी के प्रजनन से निपटे थे. राहत की बात यह है कि ग्रीष्म लहर से पहले ही उनके बच्चे समुद्र में खुद शिकार के लिए चले गए थे. बारिश की वजह से काई पर असर हुआ होगा, लिकन अगले गर्मी के मौसम से पहले हमें नुकसान के बारे में पता नहीं चल सकेगा.
इसी तरह का मौसम पिछले सप्ताह आर्कटिक (Arctic) में देखने को मिला. अमेरिका (USA) के ऊत्तर पूर्वी तटीय इलाकों से तीव्र निम्न दबाव का तंत्र बनना शुरू हुआ और यहां एक उच्च दबाव का तंत्र भी बना. इससे आर्कटिक वृत्त में गर्म हवा का प्रवाह बना नॉर्वे में अधिकतम तापमान 3.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. अमेरिकी शोधकर्ताओं ने इस निम्न दबाव वाले तंत्र को बॉम्ब साइक्लोन (Bomb Cyclone) नाम दिया है क्योंकि यह बहुत तेजी से बनता है.
इस साल आर्कटिक (Arctic) की सर्दियों समुद्री बर्फ के हाल निचले स्तर के थे और वही ग्रीनलैंड (Greenland)में तो रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई थी. यदि गर्म हालात समुद्री बर्फ को सामान्य से पहले तोड़ देते हैं तो इसका बहुत से जीवों पर असर होता है. ध्रुवीय भालू (Polar Bear) को सील का शिकार करने लिए लंबे सफर करने पड़ते हैं. लोगों की शिकार करने की संस्कृति प्रभावित होती है. वहीं नॉर्वे में फूल खिलने का मौसम जल्दी आने लगा है. क्योंकि गर्मी असामान्य रूप से पहले आने लगी है.
मॉडलिंग वाले अध्ययन सुझाते हैं कि जलवायु (Climate) के स्वरूप में ज्यादा और विविधता भरे बदलाव देखने को मिलेंगे. जलवायु परिवर्तन (Climate change) के दौर में एक ग्रीष्म लहर (Heat Wave) दूसरे का आधार बन सकती हैं. आर्कटिक दुनिया की तुलना में दोगुनी गति से गर्म हो रहा है क्योंकि बर्फ पिघलने से सूर्य की रोशनी समुद्र में ज्यादा अवशोषित हो रही है. संयुक्त राष्ट्र के इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेज का कहना है कि आर्किटक में 2050 तक बर्फ रहित गर्मियां देखने को मिलने लगेंगी. ऐसा ही कुछ अंटार्कटिका में भी देखेगा. 
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