ऑस्ट्रेलिया के क्रिस्टीना वर्चर और ब्लेज़ मुचा की बच्ची परमानेंट स्माइल के साथ हुई पैदा, वैज्ञानिक भी रह गए हैरान
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बच्चे भगवान की देन होते हैं. वो कैसे पैदा होंने उनमें क्या खामियां और खूबियां होगी कोई नहीं जानता. और उसे बदल देना का माद्दा भी किसी में नहीं होता. इंसानों के हाथ में बस उसे स्वीकार कर लेना या साथ छोड़ देना ही होता है. लेकिन मेडिकल साइंस भी भगवान की दी कई विकृतियों को दूर कर सामान्य जीवन का रास्ता दिखाने में सक्षम हैं. लेकिन उसके पहले का अनुभव दिल को दिला देता है.
ऑस्ट्रेलिया में एक ऐसी बच्ची पैदा हुई जिसके हरे पर हमेशा एक मुस्कान रहती है. हमेसा खुश दिखने वाली बच्ची में ऐसे तो कोई खामी नहीं लेकिन उसका हमेसा हंसता रहने वाला चेहरा ही उसकी खामी है जिसके साथ ईश्वर ने उसे पैदा किया है. जी हां क्रिस्टीना वर्चर और ब्लेज़ मुचा की बच्ची परमानेंट स्माइल के साथ पैदा हुई. लेकिन उसकी मुस्कान एक शारीरिक विकार है जो रेयर है. अब तक ऐसे 14 लोगों के ही बारे में जानकारी हैं.
डिलिवरी के बाद बच्ची को चेहरा देख मां और डॉ चिंता में पड़ गए
पैरेंट्स का कहना है कि प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी अल्ट्रासाउंड में बच्ची के चेहरे पर किसी प्रॉब्लम का ज़िक्र कभी नहीं हुआ. कभी पता नहीं चला कि बच्ची एक दुर्लभ विकार का शिकार हो सकती है. यही वजह थी कि डिलीवरी के बाद बच्ची आयला को देखकर डॉक्टर हैरान रह गए. डिलिवरी सी-सेक्शन के ज़रिए हुई थी. लिहाज़ा जब मां को बच्ची का चेहरा दिखाया गया तो वो और परेशान हो गई. एक तो खुद के शरीर की तकलीफ, और बच्ची को भी एक स्थायी समस्या में देख मां का दिल टूट गया. बच्ची को मैक्रोस्टोमिया था. जिसमें होंठ के दोनों कोने अत्यधिक विस्तार के साथ बढ़ जाते हैं. आयला का जन्म दिसंबर में हुआ था. और अब उसके निदान के बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं हो पाई है.
अति दुर्लभ है मैक्रोस्टोमिया की बीमारी, अब तक सर्जरी ही विकल्प
मैक्रोस्टोमिया अत्यंत दुर्लभ बीमारियों में से एक हैं न तो बच्ची के पैरेंट्स ने, न ही डॉक्टरों ने इसके पहले मैक्रोस्टोमिया से प्रभावित किसी इंसान को नहीं देखा न ही इलाज किया था. 2007 में एक जर्नल में तुलनात्मक रूप से केवल ऐसे 14 मामलों का जिक्र किया गया था. मैक्रोस्टोमिया, हालांकि, केवल एक कॉस्मेटिक असामान्यता नहीं थी. वो बच्चे के बहुत के कामों को प्रभावित कर सकती है. जिसमें सबसे अहम हो जाता है दूध पीने का तरीका. ऐसे मामलों में सर्जरी का ही सुझाव दिया जाता है. हालांकि पैरेंट्स का कहना है कि उन्हें अभी तक सर्जरी के बारे में कोई निर्देश नहीं मिला है. लेकिन इतना बताया गया है कि इस सर्जरी में चेहरे पर कम से कम निशान बनेंगे. इसमें होंठ के दोनों ओर के बढ़े कोनों को सिलने का काम शामिल है. जब तक ऐसा नहीं हो जाता तब तक मां क्रिस्टिना ने आयला का एक टिकटॉक अकाउंट बनाया जहां वो उसकी तस्वीरें-वीडियो साझा करती है. पेज पर अब तक 1 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं जो उनका हौसला बढ़ा रहे हैं.