कलाकार ने बनाई दुनिया की सबसे छोटी श्रीराम की मूर्ति, मात्र एक घंटे में लकड़ी को दिया भगवान का रूप
आज रामनवमी के अवसर ओडिशा के एक कलाकार ने दुनिया की सबसे छोटी भगवान राम की मूर्ति बनाने का दावा किया है
आज रामनवमी (Ramnavami) के अवसर ओडिशा के एक कलाकार ने दुनिया की सबसे छोटी भगवान राम की मूर्ति बनाने का दावा किया है. कलाकार सत्यनारायण मोहराना (Satyanarayana Maharana) ने बताया कि उन्होंने मात्र एक घंटे में ही भगवान राम की लकड़ी की मूर्ति को बनाने में सफलता हासिल की है, जो कि दुनिया में सबसे रामजी की सबसे छोटी मूर्ति है. इस मूर्ति की ऊंचाई 4.1 सेंटीमीटर है. इससे पहले मोहराना महाशिवरात्रि के अवसर पर लकड़ी और पत्थर से भगवान शिव और कई देवी-देवताओं की भी छोटी-छोटी मूर्तियां बना चुके हैं.
अपने इस दावे के साथ-साथ मोहराना ने कोरोना काल के दौरान लोगों से घरों में ही रहने की अपील की है. उन्होंने लोगों से अपील कर कहा, "मैं आप सबको रामनवमी की शुभकामनाएं देता हूं. इस अवसर पर मेरी आप सभी से प्रार्थना है कि इस कठिन समय में सभी लोग अपने-अपने घर पर ही रहें. मंदिरों में ना जाएं. घर में रहें और कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) को खत्म करने के लिए भगवान राम से प्रार्थना करें."
देश में लगातार बढ़ रहा कोरोना का कहर
देश में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है और इससे बचने के लिए लोगों से लगातार एहतियात बरतने की अपील की जा रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बुधवार सुबह जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना के कुल 1,56,16,130 मामले सामने आ चुके हैं. भारत में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के 2,95,041 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 2,023 लोगों की मौत हुई है. ये एक दिन में नए मामलों और मौतों का सबसे बड़ा आंकड़ा है. वहीं, इस घातक वायरस से 1,32,76,039 ठीक भी हो चुके हैं.
आज पूरे देश में मनाया गया रामनवमी का त्योहार
इसी के साथ, आज बुधवार को पूरे देश में रामनवमी का त्योहार मनाया जा रहा है. भगवान राम के लिए मनाए जाने वाले इस त्योहार को लोग बहुत सौहार्द से मनाते हैं. इस दिन मंदिरों में बहुत लोगों की भीड़ होती है लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते ऐसा नहीं हो पाया है. राम नवमी हिंदुओं के सबसे शुभ त्योहारों में से एक है. ये चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन मनाया जाता है. इस दिन को भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम के जन्म के रूप में मनाया जाता है.