चीटिंयां अपने पूरे जीवन में नहीं सोतीं, क्या आपको पता है वजह?
चीटियां ही ऐसी प्राणी हैं जो दुनियाभर में हर जगह पाई जाती हैं
हां ये बिल्कुल सच है कि चीटिंयां अपने पूरे जीवन में नहीं सोतीं. इसके बाद भी 24 घंटे सक्रिय रहती हैं. आखिर वो ऐसा कैसे कर लेती हैं. चींटी धरती पर बहुत छोटी प्राणी होती हैं लेकिन उनके बारे में कई जानकारियां हैरान करने वाली भी हैं. कुल मिलाकर वो दुनिया की एक जगह को छोड़कर तकरीबन हर जगह पाई जाती हैं.
ये बड़ी हैरानी की बात है चीटियों की नींद उस तरह नहीं होती बल्कि दुनिया के किसी जीव-जंतुओं की तरह नहीं होती. वो उस तरह सोती ही नहीं जैसे हम आराम से सो लेते हैं. इसके बाद भी वो हमेशा सक्रिय रहती हैं. आखिर क्या वजह है इसकी. दरअसल चीटियां बहुत छोटी छोटी झपकियां लेती हैं. इन झपकियों के बारे में जानना भी दिलचस्प है.
चीटियां दिनभर में करीब 250 झपकियां लेती हैं लेकिन उनकी एक झपकी किसी भी हालत में एक मिनट से ज्यादा नहीं होती. यही उनके लिए काफी होती है. हालांकि अगर दिनभर में 250 झपकियों के हिसाब से देखें तो कहा जा सकता है कि बेशक वो दो मिनट भी नहीं सोतीं लेकिन झपकी के तौर पर 4 घंटे 48 मिनट की नींद तो ले ही लेती हैं.
अब एक बड़ा सवाल ये भी है कि वो सांस कैसे लेती हैं, क्या उनका भी श्वांस तंत्र होता है. कोई फेफड़ा होता है, जिससे वो सांस लें और आक्सीजन पूरे शरीर में फैल पाए. ये भी बहुत रोचक है. चीटियां आक्सीजन तो लेती हैं लेकिन एकदम अलग तरीके से. दरअसल चीटियों के सांस लेने का पूरा सिस्टम बहुत जटिल है. उनके पूरे शरीर में कई छेद होते हैं, जो ट्यूब्स से जुड़े होते हैं. चीटियां इन्हें के जरिए आक्सीजन लेती हैं और ये ट्यूब्स के जरिए उनके पूरे शरीर में फैलती रहती है.
चीटियां आखिर सुनती कैसे हैं. चीटियों के कान नहीं होते. वो सुनने-समझने का काम अपने पैरों के नीचे सतह पर होने वाले कंपन से करती हैं. उसी से वो खतरे को भांपती हैं. अगर उन्हें कोई खतरा महूसस होता है तो एक खास तरह का केमिकल सिगनल छोड़ने लगती हैं. इसी तरह जब उन्हें कहीं खाना मिलता है तो तुरंत अपनी साथियों को बताने लगती हैं, इसके लिए वो एक खास तरह का केमिकल फेरोमोन छोड़ती हैं. इसीलिए चीटिंयां एक ही कतार में एक के पीछे चलती हैं, न इधर और न उधर. वैसे जिस तरह कहीं भी खाना मिलते ही चीटियां उसकी सूचना अपने दूसरे साथियों को देती हैं. उससे कह सकते हैं कि ये पृथ्वी पर मौजूद प्राणियों में सबसे कम स्वार्थी प्राणी होती हैं.
कुछ चीटियों के पंख होते हैं और कुछ के नहीं. इसकी क्या वजह है. दरअसल दुनियाभर में चीटियो की जितनी भी प्रजातियां हैं, सभी में पंख उगाने की क्षमता होती है. अब ये उन चीटियों पर निर्भर करता है कि वो ये चाहती हैं या नहीं. आमतौर पर घर में रहने वाली चीटियां पंख एडाप्ट करने से परहेज ही करती हैं. श्रमिक चीटियां भी बगैर पंखों के ही रहती हैं. अगर आप अपने घर में कहीं कोई पंखों वाली चींटी देखिए तो समझ लीजिएगा कि वो किसी दूसरी जगह से आपके घर में पहुंच गई है.
चीटियां ही ऐसी प्राणी हैं जो दुनियाभर में हर जगह पाई जाती हैं. बस वो केवल एक जगह नहीं पाई जातीं, वो ठंडा इलाका अंटार्कटिका. इसके अलावा दो-चार और बर्फ से ढंके रहने वाले द्वीपों में भी वो नहीं पाई जातीं. चीटियों को ठंड से परहेज है. इसलिए ठंड के मौसम में वो गायब हो जाती हैं. तब वो जमीन के नीचे या चट्टान के नीचे गरम जगह तलाश कर अपना ठिकाना बनाती हैं. वहीं अपनी रानी चीटियों को महफूज भी रखती हैं. वैसे रिसर्च ये बताती है कि चीटियां इस धरती पर 130 मिलियन साल पहले से हैं. वो डायनासोर दौर से भी पुरानी हैं.
अगर ये पूछा जाए कि दुनियाभर में कितनी चीटियां हैं तो इसका जवाब मुश्किल होगा, वैसे माना जाता है कि दुनियाभर में उनकी 13,379 प्रजातियां हैं. कुछ चीटियां घर में रहना चाहती हैं और कुछ जगलों और खाली जगहों पर अपने घर यानी बिल बनाती हैं. वैसे उनके बिल केवल बड़े ही नहीं होते बल्कि कई हिस्सों में बंटे हुए सुनियोजित घर की तरह होते हैं. जिसमें रानी चींटी, श्रमिक चीटियों और भंडारण के लिए तय जगहें होती हैं. मैक्सिको में चीटियों की एक कॉलोनी जमीन के नीच 3700 मील में फैली पाई गई. ये अर्जेंटीना में वर्ष 2000 में मिली. हालांकि इस कॉलोनी में करोड़ों चीटियों के लाखों अलग अलग बंटे हुए घर थे.
आप कह सकते हैं कि दुनिया में चीटियों की संख्या एक व्यक्ति के पीछे 10 लाख की है. वैसे अमेजन में चीटियों की कुछ ऐसी प्रजाति भी रहती हैं, जिनकी कॉलोनी में कोई मर्द नहीं होता, वहां रानी चींटी अपना क्लोन या डुप्लीकेट बना लेती है और फिर ये जेनेटिक तौर पर बेटियां पैदा करती है. वैसे चीटियों की दुनिया ऐसी होती है कि उसमें अभिजात्य चीटियां भी होती हैं, जो हुकुम चलाती हैं और गुलाम चीटियां भी होती हैं.
एक रोचक बात ये होती है कि हर चींटी के दो पेट होते हैं. इसमें एक पेट में वो खाना स्टोर करके धीरे धीरे अपने काम में लाती है और दूसरे पेट में खाना स्टोर रहता है, जिसको वो किसी दूसरी चींटी को दे सकती है. वैसे अगर खाने की ही बात चली है तो ये भी जान लीजिए कि मनुष्यों की तरह चीटियों का खाना भी विविधतापूर्ण होता है. वो शाकाहारी से लेकर मांसाहारी तक सबकुछ खाती हैं. हालांकि छोटे टुकड़ों में पाउडर की तरह फैला खाना उन्हें ज्यादा आकर्षित करता है.
अब सबसे आखिर में आते हैं उनकी उम्र पर. आखिर वो जीती कितना हैं. चीटियों की उम्र 05 हफ्ते से लेकर 02-03 साल तक होती है. घरों में रहने वाली चीटियों की उम्र कम और बाहर खुले में कॉलोनियां बनाकर रहने वाली चीटियों की उम्र ज्यादा होती है. हालांकि उनकी उम्र भोजन, रहने की जगह पर भी निर्भर करती है. खुले में जो चीटियां कॉलोनियां बनाकर रहती हैं, उसमें एक कॉलोनी में 10 हजार से ज्यादा चीटिंयां भी रह सकती हैं और ऐसी जगहों पर एक नहीं बल्कि कई रानी चीटियां हो सकती है.