अमेरिका | कहा जाता है कि सौरमंडल का जन्म 4.6 अरब वर्ष पहले हुआ था। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के अनुसार सौर मंडल एक बड़े गैस बादल (नीहारिका) से बना है। विस्फोट से अनेक खगोलीय पिंड अंतरिक्ष में बिखर गये, जिनसे ग्रह, उपग्रह, क्षुद्रग्रह आदि बने। वैज्ञानिकों का कहना है कि क्षुद्रग्रह अपने आप में अनोखे होते हैं। इनमें सौर मंडल के जन्म तक का इतिहास छिपा हो सकता है। इसीलिए अंतरिक्ष वैज्ञानिक इनका अध्ययन करते हैं ताकि सौर मंडल के निर्माण के इतिहास का पता लगाया जा सके। इन दिनों क्षुद्रग्रह पृथ्वी के करीब से गुजर रहे हैं जो पृथ्वी के लिए खतरा भी बन सकते हैं।
नासा ने आज यानी 3 अगस्त के लिए क्षुद्रग्रह अलर्ट जारी किया है। NASA की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी ने आज Asteroid 2023 OW4 (क्षुद्रग्रह 2023 OW4) के लिए अलर्ट दिया है। यह चट्टान आज धरती की ओर बढ़ रही है। यह 31 फीट का क्षुद्रग्रह है. जब यह पृथ्वी के करीब से गुजरेगा तो यह हमारे ग्रह से निकटतम बिंदु पर 565,000 किलोमीटर की दूरी पर होगा।
एस्टेरॉयड 2020 PN1 भी आज पृथ्वी के पास से गुजरने वाला है. यह अपोलो समूह का क्षुद्रग्रह है जो 90 फीट का है। पृथ्वी के करीब पहुँचने पर इसकी न्यूनतम दूरी 4,150,000 किमी होगी। यह क्षुद्रग्रह 366 दिनों में सूर्य की परिक्रमा करता है। अंतरिक्ष संदर्भ के अनुसार, यह क्षुद्रग्रह पहले ही पृथ्वी की कक्षा को काट चुका है, और आगे भी काटेगा। इसके लिए कहा गया है कि यह 65 बार पृथ्वी के रास्ते में आने वाला है। 28 अगस्त 2019 को क्षुद्रग्रह की कक्षा का पता लगाया गया था। उसके बाद 2022 में इसे आधिकारिक तौर पर मान्यता दी गई थी। आज यह फिर से पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरने वाला है। हालांकि, नासा ने अभी तक इसके पृथ्वी से टकराने की जानकारी नहीं दी है।