आतंकियों का यार निकला दिल्ली में कपड़े बेचने वाला यासीन, यूं पहुंचाता था दहशतगर्दों तक पैसे
जम्मू कश्मीर एवं दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आए मोहम्मद यासीन मीना बाजार में कपड़े बेचने का काम करता था।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जम्मू कश्मीर एवं दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आए मोहम्मद यासीन मीना बाजार में कपड़े बेचने का काम करता था। यह काम उसके परदादा के समय से परिवार के लोग कर रहे थे। लेकिन मोहम्मद यासीन इसकी आड़ में हवाला कारोबार करते करते आतंकी संगठनों से जुड़ गया था।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यासीन परिवार सहित चांदनी महल इलाके के गली नलबंदान में रहता था। यहां पर इसके पूर्वजों का मकान है। वहीं मीना बाजार में इसके परिवार की कपड़े की दुकान है। वह सूरत एवं मुंबई कपड़ा खरीदने के लिए जाता था। वह अपने आसपास के लोगों में काफी लोकप्रिय था। स्थानीय लोगों ने बताया कि सस्ता होने के कारण यासीन की दुकान पर लोगों की भीड़ लगी रहती थी। एक दुकानदार ने बताया कि कई बार कीमत इतनी कम रहती थी कि आश्चर्य होता था लेकिन कभी इस तरफ शक नहीं गया।
कूरियर कंपनी की भी तलाश
पुलिस अधिकारी ने बताया कि यासीन कूरियर कंपनी के माध्यम से हवाला के रुपये आतंकी संगठन को भेजता था। अब कूरियर कंपनी की भी जांच की जा रही है। साथ ही इस कंपनी के कागजों की भी जांच की जाएगी ताकि यह पता लगाया सके कि कहीं यह कंपनी भी आतंकी संगठनों से जुड़ी तो नहीं है। फिलहाल जम्मू कश्मीर पुलिस यासीन से इस बाबत पूछताछ कर रही है।
दक्षिण अफ्रीका से हवाला के जरिए आती थी रकम
जांच में यासीन ने बताया कि रकम दक्षिण अफ्रीका से हवाला के जरिए मुंबई एवं सूरत भेजी जाती थी। फिर यासीन के पास रकम भेजी जाती थी। यासीन इस रकम को कूरियर के जरिए अल बद्र और लश्कर ए तैयबा के आतंकियों को भेजता था ताकि वे घटनाओं को अंजाम दे सकें। आरोपी ने बताया कि हाल के दिनों में उसे 24 लाख रुपये दिए गये थे जिसमें से 17 लाख रुपये वह भेज चुका था। इसी 17 लाख रुपये में से दस लाख हामिद मीर को दिए गये थे। फिलहाल यासीन के पास सात लाख रुपये बचे थे जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया।
बीते साल भी पकड़ा गया था एक संदिग्ध
बीते साल अक्तूबर में स्पेशल सेल ने लक्ष्मी नगर ने अशरफ अली नाम के पाकिस्तानी नागरिक को पकड़ा था जो दस साल से नाम बदलकर रह रहा था। उसने तुर्कमान गेट स्थित एक घर से पहचान पत्र बनवाया था।