यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को लम्बी सड़क बनाने की सौपी जिम्मेदारी

Update: 2022-07-07 11:39 GMT

एनसीआर नॉएडा न्यूज़: जेवर में बन रहे नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। इसके लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी ने 30 किलोमीटर लम्बी सड़क बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। यह सड़क बनाने के लिए बुधवार को तकनीकी बोलियां खोली गई हैं। 12 निर्माण कम्पनियों ने 1,350 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को जेवर एयरपोर्ट से जोड़ने वाली 30 किमी लिंक रोड बनाने के लिए बोलियां जमा की हैं।

यमुना पर पुल और 6 लेन चौड़ी 30 किमी लम्बी सड़क बनेगी: यह 6 लेन का एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे जेवर में निर्माणाधीन नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे को 59 किमी लंबे डीएनडी-सोहना एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। यह मार्ग 3 पैकेजों में डीआरए इंफ्राकॉन कम्पनी बना रही है। जेवर एयरपोर्ट को जोड़ने वाली परियोजना में यमुना नदी पर एक पुल शामिल है और इसके संरेखण की लंबाई हरियाणा और उत्तर प्रदेश में लगभग बराबर है। एनएचएआई ने इसके निर्माण के लिए जनवरी 2022 में हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल (एचएएम) के माध्यम से निविदाएं आमंत्रित की थीं। यह प्रोजेक्ट अनुमानित 1,533.34 करोड़ रुपये की है और 730 दिन (2 वर्ष) की समय सीमा निर्माण पूरा करने के लिए तय की गई है।

प्रोजेक्ट में बोलीदाता कम्पनियां:

अशोका बिल्डकॉन लिमिटेड

अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड

एप्को इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड

सीडीएस इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड

दिनेश चंद्र आर अग्रवाल इंफ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड

ग्वार कंस्ट्रक्शन लिमिटेड

जीआर इंफ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड

एचजी इंफ्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड

केसीसी बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड

मोंटेकार्लो लिमिटेड

ओरिएंटल स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड

पीएनसी इंफ्राटेक लिमिटेड

सभी 12 बोलियां तकनीकी मूल्यांकन के लिए भेजी गईं: आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा में 'भारतमाला' परियोजना के तहत डीएनडी-फरीदाबाद, बल्लभगढ़ बाईपास, केएमपी लिंक एक्सप्रेसवे और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के लिए ग्रीनफील्ड कनेक्टिविटी दी जाएगी। अब इन 12 कम्पनियों की बोलियों को तकनीकी बोली मूल्यांकन के लिए भेजा गया है, जिसे पूरा होने में कुछ महीने लग सकते हैं। जब यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो तकनीकी रूप से योग्य बोलीदाताओं की वित्तीय बोलियां खोली जाएंगी। जिससे पता चलेगा कि सबसे कम खर्च में काम पूरा करने वाला ठेकेदार कौन है। आपको बता दें कि संपूर्ण दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को कुल 52 निविदाओं या पैकेजों के साथ 4 खंडों में विभाजित किया गया है।

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