यमुना प्राधिकरण सुपरटेक और ओमनिस के खिलाफ करेगी कार्रवाई, जानिए क्या हैं मामला
दिल्ली एनसीआर न्यूज़: यमुना सिटी क्षेत्र के घर खरीदारों के फायदे के लिए प्राधिकरण ने 2 बड़े बिल्डर सुपरटेक और ओमनिस के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी है। किसानों को दिए जाने वाले 64.7 प्रतिशत धनराशी और मूल धनराशी जमा नहीं कराने पर अथॉरिटी इनकी टाउनशिप के प्रॉजेक्ट में बची कर्मशल और संस्थागत जमीन के आवंटन को निरस्त करने की कार्रवाई करेगी।
लीजरेंट और मूल धनराशी जमा नहीं की: यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ.अरूणवीर सिंह ने बताया कि सुपरटेक बिल्डर को वर्ष 2011 में यमुना अथॉरिटी की ओर से सेक्टर-17ए और 22डी में टाउनशिप बसाने के लिए 100 हेक्टेयर जमीन अलॉट की थी। ओमनीस बिल्डर को सेसक्टर-22 ए में 82 हजार वर्ग मीटर जमीन अलॉट की थी। उन्होने बताया कि सुपरटेक अपकंटरी और सुपरटेक गोल्फ लिंक प्रॉजेक्ट में किसानों को दिए जाने वाला 64.7 प्रतिशत एक्सटा मुआवजा, लीजरेंट और मूल धनराशी जमा नहीं की जा रही है।
यूपी सरकार और सुप्रीम कोर्ट ने भी दिया आदेश: किसानों को 64.7 प्रतिशत एक्सटा मुआवजा देने के लिए यूपी सरकार और सुप्रीम कोर्ट आदेश कर चुके है। इसके बावजूद पैसा जमा नहीं कराया जा रहा है। अथॉरिटी बायर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए सुपरटेक बिल्डर के फलैट वाली जमीन के एरिया को छोड़ते हुए कर्मशल और संस्थागत की जमीन का आवंटन कैंसल करने की तैयारी कर रही है। जल्दी ही सुपरटेक के दोनों प्रॉजेक्ट में कर्मशल और संस्थागत की जमीन का आवंटन रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।
नोटिस जारी हुआ, फिर भी कोई असर नहीं: सीईओ ने बताया कि ओमनीस बिल्डर को सेक्टर-22ए में टाउनशिप के लिए 82 हजार वर्ग मीटर का प्लॉट आवंटन हुआ था। ओमनीस बिल्डर ने किसानों को बाटा जाने वाला 64.7 प्रतिशत एक्सटा मुआवजे की धनराशी करीब 30 करोड और लीजरेंट करीब 9 करोड़ रुपए जमा नहीं कराए है। अभी तक प्रॉजेक्ट का नक्शा भी पास नहीं कराया है। सीईओ ने बताया कि दोनों बिल्डरों को यमुना अथॉरिटी की ओर से कई बार नोटिस जारी किए जा चुके है।