राज्यों के सयुक्त प्रयासों से राम मंदिर के लिए पत्थर आपूर्ति की बाधाएं हुईं दूर: चंपत राय
लेटेस्ट न्यूज़: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि केंद्र और राजस्थान सरकार के संयुक्त प्रयासों से अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए पत्थरों की आपूर्ति से जुड़ी सभी बाधाएं दूर कर ली गई हैं। उन्होंने कहा कि पूरी संभावना है कि साल 2024 की मकर संक्रांति तक रामलला मूल स्थान पर विराजमान हो जाएंगे। चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण के लिए ग्रेनाइट सहित अन्य तरह के पत्थरों की आपूर्ति एक बड़ा विषय रही है।
उन्होंने कहा, ''केंद्र और राजस्थान सरकार के संयुक्त प्रयासों से पत्थरों की आपूॢत से जुड़ी सभी बाधाएं पार कर ली गई हैं। मार्च महीने में इस संबंध में अंतिम कानूनी बाधा दूर हो गई और पत्र भी प्राप्त हो गया।'' चंपत राय ने कहा कि इस बारे में राजस्थान सरकार ने भी काफी रुचि दिखाई है। यह पूछे जाने पर कि मंदिर के निर्माण के लिए कितने पत्थरों की जरूरत होगी, उन्होंने कहा कि इसके लिए करीब 20 लाख घन फीट पत्थरों की जरूरत होगी। चंपत राय ने बताया कि मंदिर के सिंहासन को ऊंचा करने में करीब 7.5 लाख घन फीट पत्थर लगेगा। उन्होंने बताया कि अभी मंदिर के सिंहासन को ऊंचा किया जा रहा है और इस काम के अगस्त 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महामंत्री ने कहा, ''कोशिश है कि दिसंबर 2023 तक गर्भगृह आदि का काम पूरा हो जाए। हम यह सोचकर चल रहे हैं कि गर्भ गृह तैयार हो जाए और हम 2024 की मकर संक्रांति तक भगवान राम की प्रतिमा को वहां स्थापित कर दें।''