एमसीडी द्वारा बनाए गए अमृत महोत्सव पार्क का उद्घाटन करेंगे

Update: 2023-08-08 07:02 GMT

दिल्ली सरकार के अधिकारों को लेकर मचे बवाल के बीच उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मंगलवार यानी आज एक मंच पर होंगे। देश को आजाद कराने वाले क्रांतिकारियों की गाथाओं व तमाम राज्यों की संस्कृति से ओतप्रोत आईटीओ स्थित शहीदी पार्क में आजादी का अमृत महोत्सव पार्क के उद्घाटन समारोह में एमसीडी का मंच साझा करेंगे। इस दौरान संभवत वह दिल्ली सरकार के अधिकारियों को लेकर अप्रत्यक्ष तौर पर एक-दूसरे पर निशाना साधने से नहीं चूकेंगे, क्योंकि इससे पहले भी वह कई मौकों पर मंच साझा करने के दौरान एक-दूसरे पर कटाक्ष कर चुके हैं।

एमसीडी ने शहीदी पार्क में आजादी का अमृत महोत्सव पार्क विकसित किया है। उसने इस पार्क को देश का पहला खुला संग्रहालय भी करार दिया है। इस पार्क का मंगलवार को उद्घाटन होगा और उपराज्यपाल वीके सक्सेना, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, महापौर शैली ओबरॉय भी उपस्थित होंगे। खास बात यह है कि आप के शासन वाली एमसीडी ने दिल्ली सरकार के साथ खींचतान चलने के बावजूद उपराज्यपाल को अपने कार्यक्रम में बुलाया है। बताया जा रहा है कि इस पार्क को विकसित कराने में उपराज्यपाल ने व्यक्तिगत तौर पर काफी रुचि ली है। इस कारण उनको उद्घाटन कार्यक्रम में बुलाया गया है।

एमसीडी ने करीब साढ़े चार एकड़ में विकसित किए इस पार्क को बनाने पर 16.50 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। पार्क में प्रतिकृतियों, मूर्तियों को करीब दो सौ टन कबाड़ से तैयार किया है। पार्क के बाहर दीवार पर जी-20 शिखर सम्मेलन के लोगों के साथ सभी राज्यों के विख्यात नृत्य की कलाकृतियां लगाई हैं। इसके अलावा पार्क से बाहर निकलने व प्रवेश द्वार के बीच क्रांतिकारियों की विशाल कलाकृति लगाई हैं। यह भी कबाड़ से बनाई गई हैं।

पार्क के भीतर देश के स्वर्णिम काल, महान मराठा सामाज्य, अदम्य सिख साम्राज्य, विदेशी आक्रांताओं के विरुद्ध युद्ध, 1857 स्वाधीनता संग्राम, जन आंदोलन, सांस्कृतिक एवं सामाजिक जागरूकता, स्वाधीनता संघर्ष, स्वदेशी आंदोलन एवं सत्याग्रह, भारत की स्वाधीनता, संविधान आधारित एवं रियासतों का विलय आदि कलाकृतियां लगाई हैं। पार्क में फव्वारे भी लगाए गए हैं। यहां पर शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सहदेव की प्रतिमा पहले से ही लगी हुई है।

एमसीडी के अनुसार, वह इस तरह के तीन अन्य पार्क भी विकसित करेगी। इन पार्कों में कचरे व कबाड़ से कलाकृतियां व मूर्तियां तैयार करके लगाई जाएंगी। एक पार्क भारतीय सिनेमा के इतिहास और इसकी पूरी यात्रा की झलक से रूबरू कराएगा। कबाड़ से तैयार करके कलाकृतियों और मूर्तियों के माध्यम से हिंदी सिनेमा में तकनीक के तौर पर आए बदलावों को दिखाया जाएगा।

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