नई दिल्ली | दिल्ली में यमुना नदी एक बार फिर से उफान पर है। दिल्ली में यमुना नदी एक बार फिर से खतरे के निशान को पार कर गई है। यमुना का जलस्तर 206.26 मीटर पर पहुंच गया है। यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाके के लोग फिर से परेशान होने लगे है। हालांकि इस बार सिर्फ दिल्ली ही बाढ़ के खतरे को नहीं झेल रही है। इस बार बाढ़ की चपेट में दिल्ली के अलावा एनसीआर का भी इलाका आ रहा है। नोएडा और गाजियाबाद में भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि हिंडन नदी में भी बाढ़ का पानी आ गया है।
हिंडन नदी में बाढ़ आने के कारण कई इलाकों में पानी भर गया है। फायर ब्रिगेड की टीम ने कई घरों को एहतियात के तौर पर खाली करवाया है। हिंडन नदी में जलस्तर अधिक बढ़ सकता है। बाढ़ का पानी आने से जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया है। कुछ दिनों पहले भी नोएडा के सेक्टर 135 में पानी भर गया था। इसके बाद यहां जमजमाव हो गया था। इस इलाके में जलस्तर कम होने के बाद लोगों को राहत मिली थी। मगर अब हिंडन नदी में फिर पानी का स्तर बढ़ गया है। इस कारण निचले इलाकों में रहने वाले लोग घरों से पलायन कर घर छोड़कर और कहीं रहने को मजबूर हुए है।
बाढ़ आने के कारण गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने भी कदम उठाए है। हिंडन नदी में बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए निचले इलाकों में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है। अधिकारियों ने ये जानकारी साझा की है। अधिकारियों के मुताबिक शनिवार को नदी का जलस्तर बढ़ने की चेतावनी जारी की गई थी। इसके साथ ही पांच गावों के लगभग 200 लोगों को शनिवार को राहत कैंपों में भेजा गया है। इन कैंप में प्रशासन की ओर से खाने पीने और स्वास्थ्य देखभाल की व्यवस्था की गई है।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार ने बताया कि काली नदी से लगातार हिंडन में पानी छोड़ा जा रहा है। जिसकी वजह से नदी का जलस्तर बढ़ा है।उन्होंने बताया कि गाजियाबाद बैराज पर हिंडन नदी के खतरे का निशान 205.80 मीटर है और इस समय नदी का जल स्तर 200.65 मीटर है। गौतमबुद्ध नगर जिला हिंडन और यमुना नदियों के बीच स्थित है। जिले में हाल ही में यमुना नदी के किनारे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई थी जिससे करीब 550 हेक्टेयर भूमि जलमग्न हो गई और हजारों लोग और मवेशी प्रभावित हुए थे।