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LIC के IPO के सबस्क्रिप्शन का आखिरी दिन सोमवार को था. यह IPO 2.95 गुना सब्सकाइब हुआ. इस तरह सरकार करीब 21,000 करोड़ रुपये जुटाने में सफल रही. बता दें कि LIC ने IPO के तहत 16,20,78,067 शेयरों की पेशकश की थी. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, इन शेयरों के लिए निवेशकों की तरफ से 47.83 करोड़ बोलियां लगाई गईं.
पॉलिसीधारकों के हिस्से में क्या आया?
पॉलिसीधारक के हिस्से में अधिकतम सदस्यता 6 गुना से अधिक देखी गई, जिससे 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की बोलियां लगाई गईं. कर्मचारियों के हिस्से को 4.4 गुना और खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों (Retail Individual Investors) के हिस्से को 2 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, जिसमें 12,450 करोड़ रुपये से अधिक की बोलियां थीं.
IPO में लगभग 7.33 मिलियन आवेदनों के खुदरा आवेदन देखे गए, जो घरेलू IPO के लिए सबसे अधिक है, जो रिलायंस पावर के 2008 के 4.8 मिलियन एप्लीकेशन के रिकॉर्ड में सबसे ऊपर है.
पॉलिसीधारकों में खासा जोश
गौरतलब है कि यह IPO बीते दिन यानी रविवार तक ही 1.9 गुना सब्सक्राइब्ड हो चुका था. पॉलिसीधारकों ने इस IPO को लेकर खासा उत्साह दिखाया है और यह हिस्सा 5.1 गुना सब्सक्राइब्ड किया गया था.
21,000 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान
आपको बता दें कि केंद्र सरकार का प्लान LIC IPO के जरिए 21,000 करोड़ रुपये जुटाना है. इस IPO के लिए प्राइस बैंड 902 से 949 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था. इंस्टीट्यूशनल और रिटेल बॉयर्स के लिए ऑफर 4 मई को खुला और 9 मई को बंद हुआ. LIC के शेयर IPO के बंद होने के एक सप्ताह बाद 17 मई को शेयर बाजारों में लिस्ट होंगे.