Unnao rape case: जज ने सजा निलंबित करने की कुलदीप सिंह सेंगर की याचिका पर सुनवाई से खुद को किया अलग
New Delhi: दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति धर्मेश शर्मा ने शुक्रवार को उन्नाव नाबालिग बलात्कार मामले में सजा को निलंबित करने की मांग करने वाली पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया । वह इस मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। न्यायमूर्ति धर्मेश शर्मा ने तीस हजारी में सत्र न्यायाधीश रहते हुए सेंगर को दोषी ठहराया था और सजा सुनाई थी। सेंगर ने 2018 में उच्च न्यायालय के समक्ष निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने 27 जनवरी को मुख्य न्यायाधीश की पीठ के आदेश के अधीन मामले को दूसरी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया।
उधर, शुक्रवार को हाईकोर्ट ने पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की अंतरिम जमानत बढ़ाने से इनकार कर दिया और उन्हें 20 जनवरी को सरेंडर करने को कहा। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने दिसंबर 2024 में 20 जनवरी तक मेडिकल बेल दी थी। अधिवक्ता कन्हैया सिंघल ने जोर देकर कहा कि सेंगर को 24 जनवरी को एम्स में मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवाना है। पीठ ने कहा कि पहले आप सरेंडर करें। उसके बाद हम देखेंगे। पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में हाईकोर्ट की एकल पीठ ने उन्हें मेडिकल बेल दी थी। इस मामले में वह दस साल की सजा काट रहे हैं। (एएनआई)